मैं और मेरे एहसास
अभी तक जिंदा हूँ कुछ आस अभी बाकी है, थक गया हूँ फिर भी मुस्कान अभी बाकी है। कायम है दोस्ती क्योकि ईमान अभी बाकी है,मौसम जैसे बदला नहीं सच्चाई अभी बाकी है। जानता हूँ दर्द उसका जख्म अपने भी…
अभी तक जिंदा हूँ कुछ आस अभी बाकी है, थक गया हूँ फिर भी मुस्कान अभी बाकी है। कायम है दोस्ती क्योकि ईमान अभी बाकी है,मौसम जैसे बदला नहीं सच्चाई अभी बाकी है। जानता हूँ दर्द उसका जख्म अपने भी…
इच्छा यही है की पंछी बनकरविचरण करूँ इस गगन मेंना कोई डर, ना कोई अभिलाषाहो मेरे मन मेंइच्छा यही है की बन जाऊंबादल और बरसू उस वसुधा पर जहाँ....जहां केवल प्यास हो, औरउस प्यास में मुझे ही पाने की इच्छा होइच्छा…
जीवन की आपाधापी में हम कई बार थक जाते हैं, निराशा हमपर हावी हो जाती है और स्वयं को टूटता हुए देखकर भी हमें हार नहीं मनानी चाहिए। साकेत की इस कविता में आशावादी होने की सलाह दी गयी है।…
एक लड़की ऐसी है जो बचपन में बड़ी हो गयी,शोर से इस रोज़मर्रा में अनसुनी सी ध्वनि हो गयी।हल्के फुल्के कंधों पे उत्तरदायित्व से सनी हो गयी,भागते से जीवन में रुकी सी खड़ी हो गयी।सिलवटों से छुटपन में क्षण में…
फिल्म अभिनेत्री तमन्ना भाटिया को भी लिखना पसंद है। उन्हें कवितायें बहुत पसंद हैं और कई ख़ास मौकों पर अपने विचारों और भावों को वे लिखतीं हैं। सोशल मीडिया पर उन्होने अपनी यह कविता साझा की थी - हम सब…
साहित्य और संगीत में मुझे काफी रुचि है साहित्य से जुड़ी किताबों को पढ़ना और देश की राजनीतिक व्यवस्था में रुचि है। मेरी कलम संपर्क नाम: कुमार किशन कीर्तिमूल नाम: सोनू कुमार पाण्डेयजन्मदिन: ९ मार्च १९९०जन्मभूमि: बिहारकर्मभूमि: बिहारशिक्षा: ग्रेजुएशन (हिंदी)…
मैं हमेशा सादा जीवन उच्च विचार में यकीन रखता हूँ, आधुनिक युग में जन्म लेने के उपरांत भी मैं पुरानी सभ्यताओं का पूरा पालन करता हूँ। मुझे सामाजिक कार्य में हिस्सा लेना और लोगों की सहायता करना अच्छा लगता है,…
ईश्वर की अंश होती हैं माँबच्चों के लिए कितना कष्ट सहती हैं माँउसके नयन खुद भीग जाते हैं जबबच्चों को रोते देखती हैं माँमुझे नहीं पता ईश्वर कैसे होते हैंलेकिन, मेरी माँ तेरी शक्ल जब देखता हूँतब लगता हैं की…
कृष्णा सोब्ती (२०१७)केदारनाथ सिंह (२०१३)अमरकांत (२००९)श्रीलाल शुक्ल (२००९)कुँवर नारायण (२००५)निर्मल वर्मा (१९९९)नरेश मेहता (१९९२)महादेवी वर्मा (१९८२)सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन "अज्ञेय" (१९७८)रामधारी सिंह "दिनकर" (१९७२)सुमित्रानंदन पंत (१९६८)
खामोश लब हैं झुकी हैं पलकें,अभी तो सांसे रुकी हुई हैं।अभी से दिल बेकरार है इतना,अभी तो नज़रें मिली नहीं हैं।। अभी तो मिलना मुमकिन नहीं है,अभी तो वो हैं नाराज बैठे।उन्हें है जिद की मनायें उनको,अभी तो आँखे खुली…
तसल्ली! तुम भी क्या चीज हो सच कहूं तो बिल्कुल अजीब हो मुश्किल से तो मिलती होन मिलो तो बडी बेचैनी हो मिलो तो खूब खुशी हो। तसल्ली! तुम कहां रहती हो जब भी किसी से मिलती हो उसे बड़ी…
सूनी सूनी सी यह शाम, कर रही है तेरा इंतजार।जब से तुम गए हो, खो चुकी है यह रंगत हज़ार।। न जाने दिन वो कब आयेंगे, जब हम होंगे एक साथ।मिट जाएँगी दूरियां सब, होगी फिर सुहानी हर शाम।। बिन…
हम सभी को हर सुबह का स्वागत प्रसन्न मन से करना चाहिए। दिन की शुरुवात यदि अच्छी हो तो दिन सुफल होता है। साकेत हिन्द की पंक्तियाँ आलस को तजने का संदेश देती हैं कर दिया है सबेरा, सूरज ने…
उम्मीद के आँगन में,हमारा जीवन गुजारना,एक मज़ाक सा लगता है।हम उम्मीद क्यों लगाए बैठे हैं?जबकि उम्मीद केना-उम्मीद होने का डर रहता है। हम उम्मीद क्यों रखते हैं?जब ना-उम्मीद, उम्मीद की हमसफर है।उम्मीद के साये में हमेशा,खुशियाँ और मुस्कुराहट ही नहीं…
माँ की ममता से बढ़कर, कुछ चीज नहीं है प्यारी।तूने मुझको जन्म दिया है, लगती है जग से प्यारी।। तूने कितनी पीड़ा झेली, फिर मुझको जनम दिया।पल भर भी तुमने मुझको, खुद से नहीं दूर किया।। तेरी महिमा है निराली…
हम सभी में प्रेम, ईर्ष्या, दया, करुणा जैसे अनेकों भाव भरे पड़ें हैं, गुस्सा भी इसी श्रेणी में आता है। यह सारे भाव स्वाभाविक हैं और प्रत्येक स्त्री-पुरुष में समाहित हैं। इनपर नियंत्रण कर पाने की क्षमता सभी लोगों में…
यदि कलात्मक जवाब सुनने हों तो बच्चों से कुछ प्रश्न पूछिये, उनके उत्तर सुनकर आप अचंभित रह जाएंगे। ये उत्तर उन्होने कल्पना के सागर से काफी सोचकर दिया होता है। कभी-कभी बहुत ही जटिल सवालों का आसान सा उत्तर देकर…
एक से भले दो- यह कहावत जीवन में उपयोगी साबित होती है जिसके अनुसार अकेले रहने से किसी मित्र के साथ रहना भला होता है। इस मित्र की तलाश आज सभी को है क्योंकि व्यक्ति जब एकाकीपन से गुजरता है…
भगवन श्रीराम की भक्ति में अनेक कवियों ने काव्य रचनाओं की प्रस्तुति की है। राम महिमा का वर्णन करने के लिए कई महान ग्रन्थों की रचना हुई है। रामभक्ति शाखा के प्रमुख कवि गोस्वामी तुलसीदास जी हैं जिनकी रामचरितमानस हिंदी…