उसकी यादें
दुनिया में हम सभी कई लोगों से जुड़े हुए हैं और ढेर सारी यादों को संजोये हुए हैं। प्रियजनों की यादें हमें अक्सर खुशी/गम दे जाती हैं। भवदीप की पंक्तियाँ पढें- उसकी यादें ऐ दिल उसे पाने की चाहत बन्द…
दुनिया में हम सभी कई लोगों से जुड़े हुए हैं और ढेर सारी यादों को संजोये हुए हैं। प्रियजनों की यादें हमें अक्सर खुशी/गम दे जाती हैं। भवदीप की पंक्तियाँ पढें- उसकी यादें ऐ दिल उसे पाने की चाहत बन्द…
किसी को कमजोर आंकना न्यायसंगत नहीं है। इन पंक्तियों को पढें जिनमें अमित मिश्र ने अपने विचार व्यक्त किये हैं। मेरी कमजोरी मत समझ मैं शांत बैठा हूँ। हौसले के तरकश में लिये ब्रम्हास्त्र बैठा हूँ।। मेरे एक तीर से…
जब सुबह-सुबह अचानक ही उनसे मुलाक़ात हो जाए तो मन में कई ख़्याल तो ज़रूर आएंगे। रज़ा इलाही की एक गज़ल पढ़िए- "बाद ए शबा"। न जाने आज क्या बात हो गई बाद ए सबा थी और उनसे मुलाक़ात हो…
बाल मजदूरी एक अभिशाप ही है, जिनके हाथों में खिलौने व पुस्तकें होनी चाहिए उन मासूमों से कुछ निर्मम लोग मजदूरी कराते हैं। कुमार किशन कीर्ति की पंक्तियाँ पढें जो इसी मुद्दे को संबोधित करती हैं। इन बाल मजदूरों को…
ऋषभ तिवारी 'ऋषि' की स्वरचित कविता- शास्वत प्रेम के प्रश्नोत्तर जब प्रश्न हो कि प्रेम की वो मधुर भाषा क्या है? यूँ उलझनों के परिपूर्णता की परिभाषा क्या है? क्या ये दो शरीरों के मिलन की आवश्यकता मात्र है? जब…
यादें पुरानी हो जातीं हैं किन्तु पीछा नहीं छोड़तीं। हम भूलाना तो चाहते हैं लेकिन कई कड़ियाँ एक दूसरे से जुड़ी होती हैं और यह कोशिश निरर्थक सिद्ध होती है। अमित मिश्र की स्वरचित पंक्तियों में पुरानी यादों की एक…
चेहरे की मुस्कान हमेशा अच्छी लगती है, जो दूसरों को भी खिलखिलाने के लिए विवश कर ही देती हैं। साकेत हिन्द ने 'मुस्कान' को अपनी पंक्तियों में कुछ इस तरह पेश किया है। अच्छी लगती है हर चेहरे पर मुस्कान…
तू मुझे देखकर जब मुस्कुराती है। सच नाजनीन मेरी जान जाती है।। हाल क्या है जिगर का ये कैसे कहें। तेरी अदा हर मेरे दिल पर ज़ुल्म ढाती है।। देखकर तेरा फसाना मौन हूं अब तक। हर कदम पर मुझे…
हर किसी की पसंद अलग होती है, मुझे कुछ तो उसे कुछ और पसंद होगा। भवदीप की यह पंक्तियाँ आपको अवश्य पसंद आएंगी। उसे पसन्द था श्रगार का काजल, और मुझे पसन्द थी उसकी कजरारी आँखे। उसे पसन्द था जीन्स…
शिल्पा मिश्रा ने अपनी पंक्तियों में उसे किनारा और स्वयं को साहिल बताकर संबोधित किया है। शिल्पा मिश्रा का आशय है कि दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं। जैसे तैसे हमने अपनी ज़िन्दगी को गुज़ारा है, फिर जा के…
अब तो आश्चर्य नहीं होता, जब दामन कोई छोड़ जाए। पल भर में सदियों का रिश्ता, दिल से कोई तोड़ जाए।। हमने तो देखा है अक्सर, लोगों को जो वादे नहीं निभाए। अब तो दर्द नहीं होता, जब बीच सफर…
ख्वाब जो देखे हमने साथ मिलकर मुक़म्मल करना है उसे आगे चल कर। माना इस मंजिल में रहेंगे कांटे हर कदम पर अगर साथ हो तेरा तो पार कर जायेंगे हर मुश्किल सफर। बस तेरे साथ रहकर इस दुनिया को…