खामोशी
बहुत सारे सवालों का जवाब खामोशी होती है जिसे लोग पसंद नहीं करते। रज़ा इलाही भी खामोशी का जिक्र करते हैं जो प्यार और जुदाई से नाता रखती है। न किसी से मेरा हिसाब है न कोई अब मेरा ख़्वाब…
एक दूसरे का ख्याल रखना, परहित और राष्ट्रहित मानव का कर्तव्य है, इन सभी से ही वह मानवता की सीख लोगों के बीच प्रस्तुत करता है। समीक्षा सिंह की एक कविता है जिसमें उन्होने मानव की पहचान बताने का प्रयास…
माँ का बिछड़ना बहुत ही कष्टदायी होता है। केवल उसकी यादें ही हमें उसके पास बांधे रखती है और हम इस बंधन से मुक्त भी नहीं होना चाहते हैं। कलमकार खेम चन्द भी माँ से जुदाई का दर्द अपनी कविता…
शहंशाह गुप्ता (विराट) ने माँ के लिए अपने विचार इस कविता में लिखें हैं। माँ की बातें बताने में शब्द कम ही पड़ जाते हैं, हमारे जीवन में उसका अपार योगदान होता है। उसकी पीड़ा को समझना हमारा कर्तव्य होना…
नौकरी, गाड़ी, घर जैसे अनेक सपने हम खुली आँखों से देखते हैं। कभी-कभी लगता है कि ऐसे महंगे सपने पूरे नहीं होने वाले हैं, किंतु यदि मन में इच्छा शक्ति हो तो उन्हें सच करने में देर नहीं लगती। साकेत…
उदासी सिर्फ पल दो पल के लिए ही होनी चाहिए। मायूशी में डूब जाना, अन्य सब कुछ भूल जाना - अच्छे संकेत नहीं हैं। कलमकार अमित मिश्र लिखते हैं कि दिल से तेरे भी निकलेगा खंजर, तेरा भी एक दिन…
विश्व कविता दिवस के अवसर पर हिन्दी सिनेमा के मशहूर अभिनेता आयुष्मान खुराना ने एक स्वरचित कविता "अर्धनिर्मित" सोशल मीडिया पर साझा की थी। आयुष्मान कविताएं भी लिखते हैं और इनका अभिनय तो आप सब ने देखा ही है। यहाँ…
हर दिन एक नई शुरुवात होती है। प्रातः काल उठकर जब हम अपने दिन का शुभारंभ करते हैं तो सब कुछ अच्छे ढंग से संपन्न होते हैं। कुमार किशन कीर्ति इस कविता में आलस का परित्याग कर हर दिन को…
त्योहार तो वही हैं, पुराने जमाने से मनाएँ जा रहें हैं लेकिन हमारे तरीके और व्यवहार में बड़ा परिवर्तन आ चुका है। कलमकार खेम चंद ठाकुर ने इसी परिवर्तन से संबन्धित कुछ पंक्तियाँ दिवाली के त्योहार पर प्रस्तुत की हैं।…
जी हाँ हुजूर मैं काम करता हूँ मैं सुबह शाम काम करता हूँ मैं रात बा रात काम करता हूँ मैं रातों रात काम करता हूँ॥ ~ साभार: Twitter/@SrBachchan (T2911) बेटियाँ ये गर्व है मेरा, बेटी बेटियाँ जब उभर कर…
प्रेम को समझ पाना, परिभाषित करना और आँकना- हमारे बस की बात नहीं है। यह न तो कम होता है न ही ज्यादा, इसका अनुमान और आकलन नहीं कर सकते। प्रेम तो सिर्फ किया जा सकता है। विराट गुप्ता ने…
परिजनों से बिछड़ने के बाद हमारी आँखों को उनकी तलाश रहती है कि कब/कैसे वे मिले और उस पल को यादगार बनाया जाए। कलमकार विजय परमार की पहली प्रस्तुती जिसे उन्होंने शीर्षक दिया है- अब एक तलाश हो तुम। हाँ…
आज समाज में हर इंसान को चाहिए कि वह परिचित/अपरिचित सभी जरूरतमंद की सहायता करे, उन्हें बेसहारा न महसूस होने दें। भाईजान सुनो! चावल नहीं है घर में, भूखा है मेरा बच्चा दो दिनों से। मिल जाएगी बड़ी राहत हमें,…
हमारा जीवन अनेक संघर्षों और कसौटियों से भरा होता है। सभी को उनसे पार पाते हुए आगे बढ़कर अपना सफर तय करना ही पड़ता है। कलमकार खेम चन्द जी ने इसी सफर को काव्यात्मक ढंग से प्रस्तूत किया है। टूट…
रिश्तों को निभाने में अहम को दरकिनार कर देना चाहिए। हमारा 'मै' कई बड़ी समस्याओं की जङ है। एक अच्छा इंसान खुद को कभी बड़ा नहीं मानता, वह तो सबकी सुनता और प्रेम भाव रखता है। तुम अपने मैं में…
तारीफ सभी को अच्छी लगती है, लेकिन खुद ही खुद की बड़ाई नहीं। जब अन्य लोग किसी के गुणों की बेझिझक प्रशंसा करते हैं तो सचमुच वह बेहतरीन इंसान होता है। नीरज त्यागी उन लोगों से कुछ कह रहे हैं…
भाग दौड़ की जिंदगी- अमित मिश्र की स्वरचित रचना आजकल की व्यस्त जीवन शैली में छूट जाने वाली कुछ बातों को बताती है। कुछ समय स्वयं के लिए निकालना बहुत आवश्यक होता है। इस भाग दौड़ की जिन्दगी में रंगत…
हम सभी अक्सर उन कामों से बचना चाहते हैं जिससे कोई फायदा नहीं हो। इसी प्रकार राघवेंद्र ने भी प्रेम से जुड़ी हुई कुछ बातों का जिक्र अपनी कविता में की है। प्यार को जताने से क्या फायदा। बेवजह मुस्कराने…
कलमकार शहंशाह गुप्ता की कविता "मैं और तुम" पढ़ें, जिसमें स्वाभिमान, विरह और प्रेम की झलक है। कविताओं के जरिए हम उन बातों को भी जता सकते हैं जिन्हें कहने से कतराते हैं। मुझे आँखों में भरने की कोशिश न…
उम्मीद रखनेवाले आशावादी लोग हमेशा सफलता के लिए प्रयासरत रहते हैं। उम्मीद और कर्म के बल पर ही कठिन कार्य भी निपटा दिए जाते हैं। उम्मीद रूपी पेड़ हमेशा फलदायी होता है। नीरज त्यागी ने उम्मीदों का वृक्ष कविता में अपना मत…