माँ दुर्गा के १०८ नाम

नाममंत्रअंबिकाॐ अंबिकायै नमःअचलॐ अचलायै नमःअजाॐ अजायै नमःअत्रिसुतायैॐ अत्रिसुतायै नमःअपराॐ अपरायै नमःअपर्णाॐ अपर्णायै नमःआर्यॐ आर्यायै नमःउद्भूतायैॐ उद्भूतायै नमःउमाॐ उमायै नमःइन्दिराॐ ऐन्द्रयै नमःकमलप्रियाॐ कमलप्रियायै नमःकमलाॐ कमलायै नमःकलहंसिन्यैॐ कलहंसिन्यै नमःकान्ताॐ कान्तायै नमःकामदायैॐ कामदायै नमःकामाक्षीॐ कामाक्ष्यै नमःकामिन्यैॐ कामिन्यै नमःकालीॐ काल्यै नमःकुण्डलिनीॐ कुण्डल्यै नमःकुमारीॐ कुमार्यै…

0 Comments

आशोब सी बेक़रारी

रज़ा इलाही ने बेक़रारी की तुलना आशोब से करते हुए इस गजल को लिखा है। आप उनकी यह रचना पढ़ें और देंखे की शब्दों को कितनी खूबसूरती से सँजोया गया है। ये शोख निगाहों की मुख़बिरी ये झुकी मिज़ग़ां की…

0 Comments

यह तो सोचा ही न था

हमें चाहने वाले कई लोग होते हैं जिन्हें हमारे दुख-तकलीफ़ों से कष्ट पहुचता है। वे लोग हमारे शुभचिंतक, मित्र, प्रियजन हो सकते हैं, लेकिन हमें कभी कभी विश्वास नहीं होता कि कोई हमारी इतनी परवाह भी कर सकता है? साकेत…

0 Comments

बदली के गीत

बरसात के मौसम में बादलों का नजारा ही कुछ अलग होता है। मनमोहक रूप लेकर बादल आकाश में विचरण करते हैं और प्रकृति को शीतलता प्रपट होती है। मुकेश अमन ने बादलों पर एक गीत लिखा है - 'बादली'। सज-संवर…

0 Comments

स्कूटी की सवारी

बच्चों से कोई बात यदि मजेदार तरीके से की जाए तो उन्हें बहुत पसंद आती है। नीरज त्यागी ने अपनी बाल-कविता में बच्चों का भरपूर मनोरंजन किया है। जंगल के पात्रों से स्कूटी चलवाई है, ऐसी बात नवनिहालों को भाती…

0 Comments

इश्क के जल्लाद

इश्क के नाम पर धोखा और फरेब का तो जैसे चलन ही हो गया है। खेम चन्द ने अपनी कविता में कुछ ऐसी सलाह दी है जो मतलबी प्रेम से सावधान करतीं हैं। हर राह पर मैंने हवस का शैतान…

0 Comments

नीरज त्यागी, ग़ाज़ियाबाद

मैं कवि नही हूँ बस अपने मन के भाव व्यक्त करता हूँ। मेरी कलम संपर्क नाम: नीरज त्यागीजन्मदिन: १४ सितंबर १९७६जन्मभूमि: ग़ाज़ियाबाद (उत्तर प्रदेश)कर्मभूमि: ग़ाज़ियाबादशिक्षा: बी.एस.सी. (मैथ्स)शौक: हिंदी कविताये और लघुकथा लिखना Above mentioned information are shared by the author…

2 Comments

गाँधीजी की १५०वीं जयंती पर सिरोंज पुस्तकालय को १५० किताबों की भेंट

अगर कुछ काम अच्छा है, तो याद रखती है नस्ले यह कहानी है गाँधी वाचनालय (पुस्तकालय) सिरोंज की पुस्तकालय वह स्थान है जहाँ विविध प्रकार के ज्ञान, सूचनाओ, स्त्रोतो, सेवाओ, आदि का संग्रह रहता है। आइये आपको एक ऐसी शख्सियत…

1 Comment

हाँ! मैं प्रेम में हूँ

सृष्टि के रचयिता से प्रेम करने से भला कोई कैसे चूक सकता है। वो है ही इतना खूबसूरत जिसकी झलक हर किसी में देखी जा सकती है। "हाँ मैं प्रेम में हूँ" - रागिनी स्वर्णकार की पंक्तियाँ उस अनंत के…

0 Comments

अब घर आओ बादल बाबा

बरसात की अहमियत सूखाग्रस्त क्षेत्र अधिक समझते हैं, जहाँ बूढ़े-बच्चे सभी को बादलों की उलटी चाल रास नहीं आती है और वे मेघों को पुकारते हुए कहते हैं- "बादल बाबा! अब घर आओ"। मुकेश अमन की कविता में ऐसा ही…

0 Comments

नन्ही परी

घर में किसी नए सदस्य का आना मन को आनंदित करता है। कलमकार भवदीप ने 'नन्ही परी' कविता में अपने कुछ भावों को सिमेटने का प्रयास किया है। नवजात के आने पर बधाई और शुभकामनाओं के बीच सभी हर्षोल्लासित हो…

0 Comments