एक और नया वर्ष पुराना हो गया
वक्त बहुत जल्दी बीत जाता है, इसी साल के बारे में सोचिए तो लगता है कि इतनी जल्दी एक वर्ष बीत गया। कलमकार विजय कनौजिया कहते हैं कि यह वर्ष भी नया था लेकिन आज कुछ पल का ही मेहमान…
वक्त बहुत जल्दी बीत जाता है, इसी साल के बारे में सोचिए तो लगता है कि इतनी जल्दी एक वर्ष बीत गया। कलमकार विजय कनौजिया कहते हैं कि यह वर्ष भी नया था लेकिन आज कुछ पल का ही मेहमान…
वेलकम न्यू ईयर हर-पल, हर-घड़ी शुभ होती है। यह तो केवल हमारी सोच है जो कभी बुरा सोचकर गलत कदम उठाने के लिए उकसाया करती है। यदि नीयत साफ हो तो कभी कोई पाप या दुष्कर्म घटित ही न हो।…
कलमकार अजय प्रसाद जी हम सभी को नए साल की शुभकामनाएं और बधाई दे रहे हैं, लेकिन साथ ही एक बड़े बदलाव की कामना करते हैं जो हम सभी को अपने जीवन में लाना है। अभी तक जैसे चला आ…
कई पत्र पत्रिकाओं में मेरी रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं। मेरी कलम संपर्क नाम: अजय प्रसादजन्मतिथि: १0 मार्च १९७३जन्मभूमि: बर्धमान, पश्चिम बंगालकर्मभूमि: नालंदा, बिहारशिक्षा: एम ए (इंग्लिश), बी एडशौक: लेखन प्रकाशित पुस्तकें आज़ाद गज़लें Above mentioned information are shared by the author…
प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और सुंदरता हमारी ही जिम्मेदारी है। नदियाँ सूख जा रही हैं, जलाशय समाप्त हो रहें हैं, दूर दराज़ के इलाकों में पीने के पानी की कमी हो रही है, भूगर्भीय जलस्तर कम हो रहा है। खेम…
पानी के बुलबुले जैसे ही यह जीवन है, न जाने कब फूटकर पानी में विलीन हो जाए। कुछ दिनों के इस जीवन में कड़वाहट न आने दें; अमन, प्रेम और प्रगति निरंतर विद्यमान रहनी चाहिए। कलमकार इमरान खान की रचना…
कविता लिखने की वजह चाहिए तो विजय कनौजिया की इन पंक्तियों को पढें। आपको भी अनेक कारण मिल जाएँगे जो लिखने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। आप भी अपने विचार और भावों को शब्दों में जताकर एक सुंदर कविता…
हमारे पास तो शिकायत और तारीफ का पिटारा होता ही है, यदि जिंदगी आप से मिले तो आप उससे क्या बातें करेंगे? कलमकार सौरभ अज्ञानी इस कविता में जिंदगी से कुछ सवाल पूछ रहे हैं और अपना तर्क भी रख…
हिमाचल के बन्जार में एक बस हादसे का जिक्र अपनी कविता में करते हुए कलमकार खेम चन्द ने बताया है कि दुर्घटनाओं के बाद परिवार में खामोशी छा जाती है और सभी का हृदय विचलित हो जाता है। घर था…
बीते हुए दिनों और आने वाले समय की चिंता हमें दुःखी करती है। कलमकार निहारिका चौधरी ने इन सब की चिंता भूल कर आज में ही जीने की बात अपनी इस रचना में कही है। सच भी है कि हम…
कलमकार स्वाति बरनवाल का मत है कि समाज के बनाए हुए रीति रिवाजों में खुद को ढाल कर अनेकों स्त्रियाँ अपनी इच्छाओं को रोक लिया करतीं हैं। उन्हें पता होता है कि यह रीतियाँ न्यायसंगत नहीं हैं फिर भी वे…
बड़े सौभाग्य से मानव तन प्राप्त हुआ है, इसे व्यर्थ न जाने देना चाहिए। आजकल इंसान की मानसिकता इतनी बदली हुई है कि वे बहुत चापलूस और स्वार्थी बन गए हैं। सत्कार और आदर भी लोगों की पूंजी देखकर किया…
खेम चन्द अपने स्कूल के दिनों और सहपाठियों को याद करते हुए यह कविता लिखी है। हम सभी के जीवन में विद्यालय की ढेर सारी यादें हैं जो किसी भी पल चेहरे पर मुस्कान बिखर देती हैं, यकीं न हो…
मै एक हिंदी शिक्षक हूं। प्रयागराज स्थित मजीदिया इस्लामिया कॉलेज प्रयागराज उत्तर प्रदेश में कार्यरत हूं। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली से एक्टिंग में वर्कशॉप किया हूं। इंदु आर्ट थियेटर एंड फिल्म सोसाइटी नई दिल्ली से थियेटर करना शुरू किया।…
राहुल प्रजापति की चंद पंक्तियाँ बता रहीं हैं कि दुनिया में हर चीज़ के लिए दावा करने वाले बहुत लोग हैं किन्तु उसे सही ढंग से संभालने और निभाने वाले नहीं मिल पाते। जिंदगी में दावेदार बहुत है झूठे सच्चे…
मैं अत्यंत ही स्पष्टवादी, निडर और निर्भिक व्यक्ति हूँ। साहित्य, कला, इतिहास, संगीत, समाज सेवा आदि में विशेष रुचि है। मंचीय एवं साहित्यिक कार्यक्रमों के संयोजन में विशेष रुचि है। मेरी कलम संपर्क नाम: डॉ कन्हैया लाल गुप्त "शिक्षक"उपनाम: "…
कलमकार मयंक व्यास ने सच का साथ देने की बात कही है। सच का सामना तो हर किसी को करना पड़ता है, इससे पीछा नहीं छुड़ाया जा सकता है। मैंने सच से कभी मुँह चुराया नहीं, आईना आईने को दिखाया…
निक्की शर्मा रश्मि की भी एक कविता क्रिसमस के अवसर पर पढ़ें। सैंटा से विशेष अनुरोध करती हुईं पंक्तियाँ... प्यारे सैंटा, प्यारे सैंटा! इस बार कुछ नया कर दो चांद सूरज से आते हो, सबके दिल को भाते हो नीलगगन…
मानवता का पाठ पढ़ातीं कुछ सुंदर पंक्तियाँ - क्रिसमस के पर्व पर सूर्यदीप कुशवाहा की कविता पढें। क्रिसमस का त्यौहार आया सबकी खुशियां अपार लाया सैंटा से मिलने का मौसम आया उपहार पाने का समय आया जीवन में दूसरे के…
आज क्रिसमस का त्यौहार है और मान्यता है कि सैंटा हर जरूरतमंद की मदद किया करते हैं। कलमकार कुमार संदीप की कविता पढें, उन्होंने सैंटा से चारों ओर खुशियों को बिखरने की कामना की है। उनकी मनोकामना पूर्ण हो- यही…