अब कोई मनभेद नहीं हो
एक मजबूत रिश्ता बनाए रखने के लिए हमें आपस में कोई राज छिपाकर नहीं रखना चाहिए और न ही कोई गलतफहमी पालनी चाहिए। विजय कनौजिया जी कहते हैं कि ऐसी परिस्थिति का निर्माण कीजिये जहाँ मन में कोई भेद न…
एक मजबूत रिश्ता बनाए रखने के लिए हमें आपस में कोई राज छिपाकर नहीं रखना चाहिए और न ही कोई गलतफहमी पालनी चाहिए। विजय कनौजिया जी कहते हैं कि ऐसी परिस्थिति का निर्माण कीजिये जहाँ मन में कोई भेद न…
ठंड के मौसम में ठिठुरन आम बात है। यह ठंड हर जीव को सताती है, फिर भी लोग इसका इंतजार करते हैं और बिना शर्त झेलते हैं। कलमकार नीरज त्यागी ने इस बालगीत में सर्दियों के आगमन की चर्चा की…
ईश्वर एक विश्वास है जो हम सभी में है, अपने अंतर्मन में यदि हम टटोलेंगे तो हमें अवश्य ही उसका आभास होगा। शुभम द्विवेदी ने अपनी कविता में भगवान के प्रति श्रद्धापूर्ण कुछ पंक्तियाँ लिखी हैं जो हमारे विश्वास को…
हालात सही न हों तो रोना आ ही जाता है, आजकल हमारे देश में बेटियों के आँसू थम नहीं रहें हैं। अमानवीय व्यवहार उन्हे बड़ी चोट पहुंचा रहा है और अब एक बड़ा मुद्दा बना है- उनकी सुरक्षा। आजाद भारत…
भक्तिकाल को हिंदी साहित्य का स्वर्णिम युग माना गया है। संतों और कवियों ने काव्य को अनेक विधाओं में प्रस्तुत कर मनमोहक रचनाओं का संग्रह हमें विरासत में दिया। आज हम आधुनिक हिंदी में काव्य रचनाएं अधिक करते हैं, लेकिन…
लाख मनाने पर भी जब कोई नहीं मानता तो हमारे मन में अनेक सवाल पनपते हैं और कुछ अच्छा भी नहीं लगता। ऐसे वक्त में प्रतीत होता है कि मानो प्रकृति ही हमसे रूठी हुई है। कलमकार विक्रम कुमार ने…
हम सभी की कोई न कोई ख़्वाहिश होती है, कुछ पूरी हो जाती है तो कई पूरी होने वाली होती हैं। कलमकार रज़ा इलाही ने अपनी नज्म "आरज़ू" में चंद ख़्वाहिशों का जिक्र किया है। चाँदनी रात में मख़मली राह…
हम सिर्फ उसे ही चाहते हैं- उसको यह बता पाना बहुत कठिन होता है। बड़ी जटिल स्थिति उत्पन्न हो जाती है क्योंकि उसे विश्वास ही नहीं होता है। ऐसी दशा में हमें कहना ही पड़ता है, "तुम मानो या न…
बेटियाँ हमसे क्या चाहतीं हैं? क्या वह नामुमकिन है? भारत जैसे राष्ट्र जहाँ बेटियों को पूजने की प्रथा है वहाँ बेटियों को कष्ट सहना शोभनीय नहीं है। हमें स्वयं में ही कुछ बदलाव लाने की आवश्यकता है- ऐसा खेम चन्द…
विविधताओं से भरा देश है भारत, यहाँ अनेक भाषाओं, त्यौहारों और संस्कृति से जुड़े लोग रहते हैं। कलमकार अपनी कलम से होली के त्यौहार के रंगों को उजागर करने की कोशिश की है। खेम चंदकलमकार @ हिन्दी बोल India रंगों…
कल्पना कीजिये और उसे साकार करने के लिए प्रयास भी कीजिये। कलमकार दिनेश कुमार की कविता 'तुम कल्पना करो' में ऐसी ही प्रेरणात्मक विचारों और भावों को प्रस्तुत किया गया है। तुम कल्पना करो सुंदर कल्पना करो तेरा अजीज क्या…
अक्सर सुनने को मिलता है कि स्त्रियों, लड़कियों से जबर्दस्ती और आपराधिक मामले बढ़ रहें हैं। कई घटनाएँ तो जघन्य अपराध में बदल जाती हैं, कुछ दरिंदों की मासिकता इंटनी घृणित है की वे ऐसे कृत्य करने से जरा भी…
हम अपनी रूचि के अनुसार ही सारे कार्य करते हैं, हाँ!, कुछ अपवाद हो सकता है। कोई किसी को देखना पसंद करता है, मिलना चाहता है तो कहीं किसी को कोई फूटी आंख भी नहीं भाता। हर इंसान अलग है…
सिक्के के दो पहलू होते हैं- यह तो हम सभी जानते हैं, इसी प्रकार हमें भी पूर्ण होने के लिए किसी और की जरूरत होती है। एक दूसरे का पूरक बनने से हम परिपूर्ण हो पाते हैं। कलमकार विजय कनौजिया…
कलमकार खेम चन्द ने कुछ खयालात पंक्तिबद्ध तरीके से प्रस्तुत किए हैं- यह ऐसे माहौल को रेखांकित करते हैं जो जीवन में हम सभी अनुभव करते हैं। नज़दिकियां रही या कोई अफ़साना रहा होगा हमारी जिन्दगी की मुलाकातों का भी…
जब हम गुनगुनाते हैं तो लोग अक्सर पूछ लिया करते हैं कि क्या बात है जनाब! बड़े खुश लग रहे हो। वास्तव में संगीत हमारे दुखों को भी भुलाने में अहम भूमिका अदा करता है। विकट परिस्थितियों में तनाव मुक्त…
भारतीय होने पर हम गौरवान्वित महसूस करते हैं, देश की विविधता और एकता एक मिशाल है। कलमकार शुभम ने अपने मन की बात एक गीत में कही है, वे लिखते हैं - गीत मैं गाता हूँ। गीत मैं गाता हूँ,…
अपने वतन के लिए हमारे मन में सदैव सेवा का भाव रहता है। कलमकार इरफान ने भी कुछ पंक्तियाँ अपने विचार व्यक्त करते हुए "अरज़े हिंद" कविता में लिखीं हैं। देखो तो आसमान को छूती है अरज़ॆ हिन्द सोने की…
हम आज जो भी हैं वही भविष्य में भी बनें रहेंगे- यह कहना सही नहीं है। समय और जरूरतों के अनुसार पेशा, उद्देश्य और इच्छाएं बदलती रहती हैं। कुमार किशन कीर्ति को लेखन का शौक है जिसे वे भरपूर समय…
हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले में स्थित है 'स्पीति घाटी'। कलमकार खेम चन्द इसी प्रदेश के मूल निवासी हैं तो इस वादी को उनसे बेहतर और कौन जान सकता है। वादी-ए-लाहौल-स्पीति की सुंदरता और विशेषता खेम चन्द ने…