अपनी भी जिम्मेदारी होनी चाहिए
राष्ट्र और समाज के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी होनी चाहिए। कलमकार अजय प्रसाद जी लिखते हैं कि हर छोटी-बड़ी चीज़ के लिए सरकारों को कोसना उचित नहीं है। कर चुके ज़लील,अब ज़र्रानवाज़ी होनी चाहिए शराफत में नज़ाकत भी शैतानी होनी…
राष्ट्र और समाज के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी होनी चाहिए। कलमकार अजय प्रसाद जी लिखते हैं कि हर छोटी-बड़ी चीज़ के लिए सरकारों को कोसना उचित नहीं है। कर चुके ज़लील,अब ज़र्रानवाज़ी होनी चाहिए शराफत में नज़ाकत भी शैतानी होनी…
जब किसी से हमें कोई उपहार मिलता है तो वह वयक्ति और उपहार दोनों को ही विशेष महत्व दिया जाता है। उपहारों को संजोकर रखा जाता है। कलमकार कवि मुकेश अमन कहते हैं इस कुदरत ने हमें अनगिनत उपहार दिए…
डॉ कन्हैया लाल गुप्त 'शिक्षक' का मानना है कि आवाज/पुकार/आवाहन भी अनेक तरह के होते हैं, इसे उन्होंने अपनी कविता में लिखा है। हमें भी अपनी बुद्धिमत्ता का उपयोग करते हुए सच्ची और प्रखर आवाज को ही प्रेरणास्रोत के रूप…
जिंदगी एक सफ़र है- शुभम सिंह की यह कविता जीवन के उतार चढ़ाव और गति को संबोधित करती है। हमारे जीवन में भी अनेक पड़ाव आते हैं, कुछ ठहराव सा होता है लेकिन फिर से वह गतिमान हो जाता है।…
कलमकार मुकेश ऋषि वर्मा ने साफ-सफाई बनाए रखने के लिए अनुरोध किया है। हमारा परिसर स्वच्छ और सुंदर होना चाहिए, यह जिम्मेदारी हमारी ही है। आप भी इस स्वच्छता अभियान में भाग लें, हम बच्चों ने तो शुरुआत कर दी…
कवि मुकेश अमन की एक बाल कविता 'बंदर और उस्तरा' पढ़िए। ज्यादा होशियारी अक्सर खुद पर ही भारी पड़ती है और बड़ा नुकसान झेलना होता है। यह दुनिया अनेक तरह के चालाक लोगों से भरी पड़ी है। एक दिन इधर-उधर…
उसकी मनमोहक सूरत सभी को मंत्रमुग्ध कर देती है, उसकी दृष्टि जिसपर पड़ जाए वह निहाल हो जाता है। श्याम सुन्दर की एक बेहतरीन स्तुति कलमकार रमाकान्त शरण जी ने लिखी है, आप भी पढें। हे मुरलीधर हे गोपाला, तुम…
माता की ममता और प्रेम हमारे सारे दुख हर लेती है। केवल माँ ही है जो अनेक तकलीफों में रहने के बाद भी अपने बच्चों का भला चाहती है। कलमकार रीना गोयल की यह कविता माँ के असीम प्यार और…
जब कोई मन को भाने लगता है, उसकी सारी बातें अच्छी लगती है और हमेशा उसके साथ रहने की इच्छा जाग उठती है। कलमकार शुभम पांडेय 'गगन' ने इस मनोदशा को अपनी कविता में वयक्त की है और लिखा -…
सेना के जवान सरहद पर तैनात रहकर राष्ट्र की सुरक्षा में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं। उनका सबसे बड़ा धर्म है देश की सेवा; कलमकार आनंद सिंह की यह कविता अवश्य पसंद आएगी और आपका भी मन तिरंगे के सम्मान…
राष्ट्र की शान और गरिमा पर कोई बात/सवाल/हमला सामने आए तो हर भारतीय उसका जवाब भलीभांति देगा। सभी भारतीय के हृदय में चिंगारी है और हम वतन पर कोई आँच नहीं आने देंगे- कलमकार आशुतोष सिंह की यह कविता पढें।…
प्रणाम और आशीर्वाद तो हमारे संस्कार में है, यह विनम्रता का संकेत है। कलमकार विजय कनौजिया जी लिखते हैं कि उनका प्रणाम स्वीकार करें और अपने स्नेह की छत्रछाया में रहने का अवसर प्रदान करें। किसी को यदि आपने प्रणाम…
कलमकार इमरान संभलशाही ने यह पंक्तियाँ लिखी हैं जिसमें वे कुछ हकीकतें बयान कर रहे हैं। सच तो बहुत सारे हैं जो कहने में अच्छा, सुनने में कड़वा और सहने में मुश्किल होता है। सूअर कांपता है जमादार कांपता है…
हमारा भारत तो हम सभी के हृदय में बसा और पूरी दुनिया में फैला हुआ है। भारतीय साहित्य, संस्कृति, कला, रीति रिवाज और संस्कार जहाँ भी दिखाई पड़े वहाँ भारत की झलक और लोग अवश्य होंगे। कलमकार कुमार किशन कीर्ति…
मेरी कलम संपर्क नाम: राज शर्माजन्म तारीख: 29 नवम्बर 1988जन्भूमि: कुल्लू, हिमाचल प्रदेशकर्मभूमि: कुल्लू, हिमाचल प्रदेशशिक्षा: बी ए / शास्त्रीशौक: संस्कृति को संजोना और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से रिकॉर्ड करके भविष्य मैं आने वाली पीढ़ियों के लिए एक आदर्श का कार्य…
सुना है कि जमाना बदल गया है किंतु कलमकार शुभम सिंह ने ऐसा नहीं माना और इस कथन को अपनी कविता के जरिए गलत सिद्ध करने का प्रयास किया है। परिवर्तन तो संसार का नियम है और उसी का अनुपालन…
रिश्तों की अहमियत बहुत होती है, इन्ही रिश्तों संग ही तो हम अपना जीवन व्यतीत करते हैं। कुछ लोग बहुत पसंद आते हैं जिस कारण उनसे हमारा रिश्ता बेहतरीन बन जाता है। कई रिश्तों में कड़वाहट भी देखने को मिल…
कवि मुकेश अमन के रचना "आवारा सांड" काव्य संग्रह से एक कविता प्रस्तुत है, जिसका शीर्षक है- सुलगते सवाल। तुम्हारी निष्ठुर हंसी ही, आज हमारा, सबसे बड़ा सवाल, हो गई है। तुम्हारी आदाएं, तुम्हारी चालें भी, अब तो बड़ी कमाल,…
हिन्दी बोल इंडिया के पाठक कई क्षणिकाएँ प्रस्तुत करतें हैं, उनमें से कुछ इस पृष्ठ पर संकलित की गई हैं। मैंने परिंदों की जिद्द को उड़ते देखा हैकोशिश करने वालों को आगे बढ़ते देखा हैमैंने मांझी की जिद्द को पहाड़…
विनम्र स्वाभाव से आप लोगों के स्नेह और आदर के पात्र बनते हैं, उनके हृदय को जीत जाते हैं। कलमकार कन्हैया लाल गुप्त जी ने अपनी कविता में नम्रता के बारे में विस्तारपूर्वक बताया है, आप भी पढें और स्वयं…