नया पैगाम
मनोकामनाओं का संदेश डॉ. राजेश कुमार शर्मा "पुरोहित" जी इस कविता में दे रहे हैं। उनकी आशाएँ ईश्वर फलीभूत करे, यह कामना हम सभी करते हैं। होंसलों से उड़ने का जज्बात दे। तू जरा जमाने को नया पैगाम दे।। मोहब्बत…
वीरतापूर्ण बातें आपका साहस और मनोबल दोनों बढाती हैं। बातों-बातों में ही मुँह से निकल जाता है - 'माँ का दूध पिया हो तो यह कठिन कार्य कर दो'। ऐसी बातें सुनकर आप ऊर्जा और वीररस से भर जाते हो।…
आपके चरित्र के निर्माण में व्यवहार की बहुत बड़ी भूमिका होती है। उत्तम व्यवहार होने से आप किसी का अहित नहीं करते और सभी को आप प्रिय होते हैं। कलमकार कन्हैया लाल गुप्त जी व्यवहार के बारे में यह कविता…
एकाकीपन, हवाएँ, चांद-तारे, लोगों की बातें अक्सर किसी की याद दिला देतीं हैं। कलमकार अमित मिश्र ने विरहिणी की मनोदशा को वयक्त करते हुए लिखा है कि कब-कब उसे अपने प्रियतम की याद आ जाती है। जब चलने लगी हवा…
जय सिन्हा ने अपने पिता प्रो. राजेश्वर प्रसाद जी की कविता 'गरीब बस्तियाँ' इस पटल पर प्रतुत की है। कलमकार राजेश्वर प्रसाद जी ने गरीबों की बस्तियों की दास्तान इन पंक्तियों में समेट ली है, उन लोगों के अभाव को…
कभी-कभी छोटी-छोटी बातें अफसाना बन जाती है। कलमकार सुरेन्द्र गोयल जी भी ऐसा मानते हैं, आइए उनकी कलम से लिखीं चंद पंक्तियाँ पढें। दर्द-ए-दिल मेरा अफ़साना बन गया मैकदे में आना मेरा अफ़साना बन गया। जाम अभी दिया ही था…
कन्हैया लाल गुप्त जी प्रीत/प्रेम के बारे में अपनी इस कविता में लिखते हैं। कई उदाहरणों द्वारा अपने विचारों को प्रकट करने का उत्तम प्रयास किया है। प्रीत ऐसे ही किसी से नहीं होती। राधा ऐसे ही किशन पर नहीं…
इश्क़ के इज़हार में भी डर लगता है। अक्सर आप अपनी बातें उससे कहने में झिझकते हैं। कलमकार कुमार किशन कीर्ति ने इस दुविधा को अपनी कविता में दर्शाया है। कैसे कह दूँ मैं तुमसे मैं इश्क है तुम्ही से…
जीवन क्या है? लोगों का अलग अलग नजरिया है इस मुद्दे पर क्योंकि हर किसी ने नए अंदाज में इसे महसूस किया होता है। कलमकार आनंद सिंह ने जीवन की परिभाषा जानने की कोशिश की है। इस जीवन की कहू…
इश्क़ मे पड़ना ज़रूरी है क्या? नज़रों मे चुभना ज़रूरी है क्या? रिश्ते-नाते दोस्त,देश तो है ही हसिनों पे मरना ज़रूरी है क्या? बनाओ पहले बजूद अपना तुम खुद से सड़ना जरूरी है क्या? क्यों करते हो वक्त का…
वैलेंटाइन डे है, इस अवसर पर कलमकार सुशीला कुमारी सियाग की रचना पढें जो प्रेम को सदा बरकरार रखने का संदेश देती हैं। प्रेम ही अमन, एकता, सुख-समृद्धि और भाईचारे की जननी है। प्रेम प्यार भरा सदा बना रहे, यही…
वक्त हमेशा एक जैसा नहीं होता है, कभी सही तो कभी गलत। कलमकार शुभम पांडेय 'गगन' ने वक्त के साथ अपने अनुभव को इस कविता में साझा किया है। हर बार जो लिखता था आज थोड़ा अलग लिखता हूँ तुम्हें…
धन से दिवालिया हो जाना लोगों को स्वीकार्य होगा किंतु दिमाग से दिवालिया होना गवारा न होगा। धन तो आता जाता रहता है लेकिन सद्बुद्धि चली जाने से बहुत अहित होता है। कलमकार अजय प्रसाद जी ने दिमागी दिवालियेपन पर…
वैलेंटाइन सप्ताह में इससे जुड़ी हुई कुछ काव्य पंक्तियाँ कलमकारों ने प्रस्तुत की हैं और उन्हीं में से एक है इमरान संभलशाही की 'वैलेंटाइन वीक'। कइयों के जीवन में यह सप्ताह उनके सच्चे जीवनसाथी से परिचय करा देता है। कुछ…
भारत किसानों का देश है और किसान गाँवों में रहते हैं। हम भले ही शहर में हों किन्तु गाँव से सभी लोगों का अनूठा रिश्ता होता है। कलमकार सौरभ अज्ञानी की यह कविता सभी के हृदय में अंकित गाँव की…
कोई जब हमारे हित की बात कहता है तो हमें प्रतीत होता है कि यह बकवास कर रहा है। परंतु वे कथन उपदेश ही होते हैं जो आपके जीवन को सरल और सुखद बनाने में बड़ी भूमिका रखते हैं। कलमकार…
जीवन के सफर में हर चीज़, रिश्ते-नाते सब पीछे छूट जाता है। जो बीत गया सो बीत गया, यहाँ पर स कुछ आकर्षण मात्र है अतः सही निर्णय करना ही सर्वोत्तम होता है। कलमकार राहुल प्रजापति की चंद पंक्तियाँ पढें-…
एक आदर्श राष्ट्र की कल्पना कीजिये। आप अपने देश का नव निर्माण कैसे करेंगे? कलमकार कुमार किशन कीर्ति ने अपनी कल्पना को लिखकर बताया है कि मेरा भारत कैसा हो। मेरी कल्पना का भारत कैसा होगा? सच पूछो, तो स्वर्ग…
दहेज़ एक बुराई है, इस कुप्रथा को समाज से दूर करना हम सब का कर्तव्य है। कलमकार कन्हैया लाल गुप्त जी ने विवाह के शुभ बंधन पर इस कविता के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किये हैं। विवाह दो हृदयों…