ऐ मेरे प्यारे हिन्दुस्तान
हमारा हिंदुस्तान बहुत ही प्यारा है, यहाँ विविध धर्म, संस्कृति और भाषा के लोगों हैं जो विविधता में एकता और अखंडता को कायम रखते हैं। कलमकार इरफान आब्दी मांटवी की रचना पढें जिसमें उन्होंने हिंदुस्तान को अपना दिल और अरमान…
हमारा हिंदुस्तान बहुत ही प्यारा है, यहाँ विविध धर्म, संस्कृति और भाषा के लोगों हैं जो विविधता में एकता और अखंडता को कायम रखते हैं। कलमकार इरफान आब्दी मांटवी की रचना पढें जिसमें उन्होंने हिंदुस्तान को अपना दिल और अरमान…
किसी को तकलीफ़ से उबार लेना बहुत ही उत्तम व्यवहार है। कलमकार विजय कनौजिया लिखते हैं कि तुम्हे कभी भी रोने का अवसर नहीं मिलेगा क्योंकि मीत बनकर मैं तुम्हें मना लूँगा। जब रूठ कभी तुम जाओगे तो बनकर मीत…
ज्ञान से ही अज्ञानता पर विजय प्राप्त की जा सकती है। कलमकार डॉ. कन्हैया लाल गुप्त द्वारा रचित एक कविता पढ़िए और अज्ञानता के पर्दों को हटाने का प्रयास करें। ज्ञान का प्रकाश प्रकाशित होते ही अज्ञान मिट जाता है।…
कुछ मुलाकातें जेहन से भुलाएँ नहीं जातीं हैं, उनकी छाप इतनी गहरी होती हैं कि दिल अक्सर उनमें खो सा जाता है। कलमकार अनुभव मिश्रा भी एक ऐसी ही मुलाकात को कविता का रूप देकर प्रस्तुत कर रहे हैं। वो…
वैश्विक चिंता का विषय बन चुकी है संक्रामक बीमारी कोरोना। सभी को थोड़ी सी सावधानी और सतर्कता अपनाकर इसका सामना करना है। कलमकार सूर्यदीप कुशवाहा का संदेश पढ़ें। कोरोना वायरस का भय सताए लोगों से अब बस नमस्ते कराए हाथ…
बेटी की विदाई का माहौल बहुत गमगीन होता है, एक तरफ तो उसका घर बसाने की खुशी और दूसरी ओर जुदाई का गम भी होता है। कलमकार खेम चन्द ने अपनी कविता में विदाई के आभास और कुछ अन्य पहलुओं…
दीवारें दूरियाँ बढ़ाती हैं, मन में आशंकाओं का निर्माण इनके कारण हो जाता है। कलमकार इमरान संभलशाही के विचार इस कविता में व्यक्त हैं। हम सभी की अपने मन में उठने वाली हर दीवार को ढहाना चाहिए जिनसे दूरियों और…
डॉ. कन्हैयालाल गुप्त 'किशन' जी उल्फ़त के बारे में इस कविता में बता रहे हैं। 'उल्फत' ऐसी मनोवृत्ति है जो किसी को अपना मान उसके साथ सदैव रहने की प्रेरणा देती हो। बात होनी ही चाहिए उल्फ़त की।एक क्षण भी…
कलमकार राजेश्वर प्रसाद जी की इस कविता में पत्थर की आत्मकथा दर्शायी गई है। पाषाणयुग से आज तक पत्थर हमारे विकास को गति प्रदान कर रहा है। मैं पत्थर हूँ ,पाषाण हूँ, शीला हूँ मुझे किसी से गिला नहीं मैं…
सफर में ठोकर लग जाने से हम मंजिल नहीं भूल जाते बल्कि पुनः खड़े हो उसकी तरफ़ अग्रसर होते हैं। कलमकार साक्षी सांकृत्यायन की ये पंक्तियाँ सतत बढते रहने का संदेश देती हैं। ठोकर लगे तो क्या हुआ सम्भल के…
अपने विचार प्रकट करने के लिए, मन शांत करने के लिए, सलाह-मशविरा देने के लिए लिखना बहुत जरुरी है। कलमकार कन्हैया लाल गुप्त जी की यह कविता लिखने के अनेक कारण बता रही है। मैं ने ख़ुद को जो है…
रोहन को आज नींद नहीं आ रही थी.. वो बार- बार करवटें बदल रहा था! रात के करीब 12 बज चुके थे!उसकी नजरें अभी भी मोबाईल स्क्रीन को निहार रही थी! जहन में एक कश्मकश चल रही थी| अब मोबाईल…
मैं जब कॉलेज से घर के लिए लौट रहा था। साउथ सियालदह का नामखाना के बाद का स्टॉपेज पड़ता है उकिलेरहाट। उकिलेरहाट से मेरे कॉलेज की दूरी तकरीबन ४ किलोमीटर होगी। उकिलेरहाट से मैं शियालदह के लिए ट्रेन पकड़ा। उकिलेरहाट…
जीवन के यथार्थ को प्रकट करतीं हुईं कलमकार मुकेश बिस्सा की कुछ पंक्तियाँ प्रस्तुत हैं। छोटी छोटी सी चीजों में बड़ी-बड़ी खुशियाँ छिपी होती हैं। दुख सैकड़ों मिलते हैं दुख लेने वाला नहीं मिलता दिल जिस से मिले खुशी हमें…
इलाके के पुराने वृक्ष हमारी कई पीढ़ियों के हमसफ़र रहे हैं। किंतु आज आधुनिकता के चलते वे वृक्ष नहीं बचे, यदि कहीं हैं तो उनसे भी उनका हाल जानने की कोशिश करें। कलमकार राजेश्वर प्रसाद जी एक बरगद के पेड़…
मनुष्यों का व्यवहार भी अजीब है, कभी सुलझी हुई बातें करतें हैं तो कभी उनकों ही समझ पाना मुश्किल होता है। कलमकार निहारिका चौधरी की इस कविता में हमारे स्वभाव के बारें में कुछ बातें बताई गईं हैं। चलो कुछ…
कलमकार अनिरूद्ध तिवारी की एक रचना पढें जिसमें वे लिखते हैं कि प्यार में थोड़ी दूरी बनाए रखिए। वैसे भी विरह और दूरियाँ प्रेम को और मजबूत करतीं हैं। इतना भी करीब होना ठीक नहीं! जरा दूरियां रहने दो! बादलों…
दोस्त और दोस्ती की बातें भी निराली होती है। नाराजगी, झगड़ा, अनबन, ताने, सुझाव, प्यार सब कुछ दोस्ती देती है और शायद इसीलिए यह सबको भाती है। कलमकार अनुभव मिश्रा के विचार भी इन पंक्तियों में पढ़ें। भीड़ की मुझे…
जब दिल पर बढते भार असहनीय हो जाते हैं तो मैं गजल कहता हूँ और गुनगुना लेता हूँ। ऐसा करने से एक नई ऊर्जा मिल जाती है- यही कह रहे हैं कलमकार अजय प्रसाद इन पंक्तियों में। जिम्मेदारियों के साथ,…
होली का त्यौहार मिल-जुलकर, मन की कड़वाहट मिटाकर मनान चाहिए। कलमकारों ने अपनी कविता के माध्यम से सभी देशवासियों को होली की शुभकामनाएँ दी हैं। १) अपनेपन की पिचकारी ~ नीरज त्यागी नीरज त्यागीकलमकार @ हिन्दी बोल India अपनेपन के…