ख़ुद को सुलझाने में

जीवन की उलझनों में फंसे होने के कारण हम ख़ुद को सुलझाने का बहुत प्रयास करतें हैं। कलमकार हिमांशु बड़ोनी कुछ उदाहरण द्वारा इस उलझन को व्यक्त कर रहें हैं जिसमें हर कोई कैद है। मीलों मीलों का रास्ता तय करके,…

0 Comments

चाहत

चाहत यूँ ही समाप्त नहीं होती है। कलमकार सविता मिश्रा ने चाहत की कुछ पंक्तियाँ इस कविता में संजोकर प्रस्तुत की हैं। ये हवा में महकती भीनी भीनी खुशबू तेरे वजूद का आभास दे जाती है। तेरे ख्याल इस स्याह…

0 Comments

वे लौट रहे हैं

वे लौट रहे है उम्मीदों का शहर छोड़कर आंखों के दरिया का रुख़ मोड़कर। रूखा ही सही, भुखा नहीं है कोई गाँव में शहरों ने तो छाले दिये है पाँव में। जिन घरों में कमरा अलग से हो सग का…

Comments Off on वे लौट रहे हैं

कोविड-१९

ये कैसी सजा दी तूने खुदा, जो सबको ठहरा दिया, भागते दौड़ते थे जो, उनको ठिकाने पर रुका दिया। ये होड़ थी जो सबकी एक दूसरे से आगे बढ़ने की, अब ठहरने वाले को ही तूने विजेता बना दिया। जो…

0 Comments

राहुल सांकृत्यायन से महापंडित

सूर्य रश्मियों की तरह रहे वह प्रकाशवान, राहुल सांकृत्यायन हुए एक लेखक महान। 'महापंडित' के अलंकार से हुए सुशोभित, साहित्य में है उनका एक विशिष्ट स्थान।। महान घुमक्कड़ व प्रकांड पंडित रहे राहुल, साहित्य में न जाने कितने नव प्रतिमान…

0 Comments

कोरोना को हराना है

कोरोना वायरस आया है,दुनिया का अंत लाया है।भारत को जिताना है,कोरोना वायरस को हराना है।भारत में करोना आया है,चीन ने इसे बनाया है।भारत को बताना है,मिलकर कोरोना वायरस को मिटाना है।हाथों को साबुन से धोना है,कोरोना वायरस को हटाना है।अपने…

0 Comments

माँ-बेटी

माँ से बिटियाँ का स्नेह होता है लाजवाब बिटियाँ को सुलाती अपने आँचल में लगता है जैसे फूलों के मध्य पराग हो झोली में । माँ की आवाज कोयल सी और बिटियाँ की खिलखिलाहट पायल की छुन -छुन सी लगता…

0 Comments

नारी होना कठिन है

कलमकार देवकरण गंडास अरविन्दजी जी का मानना है कि नारी होना आसान नहीं बल्कि बहुत कठिन जिम्मेदारी होती है। कोई भी काम उतना कठिन नहीं, जितना कठिन होता है नारी होना। सब को रखना है खुश हर हाल में, पड़े…

0 Comments

हनुमान स्तुति

चिरंजीवी शिवांश भक्तवत्सल भगवान आञ्जनेया महावीर महातपस्वी बलवान कपीश्वर महाकाय दैत्यकार्य विघातक रामदूत बजरंगी दशग्रीव कुलान्तक परविद्या परिहार सिंहिकाप्राण भंजन परशौर्य विनाशन महारावण मर्धन लंकापुर विदायक सीतान्वेषण पंडित सर्वमाया विभंजन केसरीसुत सुरार्चित सीताशोक निवारक कुमार ब्रह्मचारी संकटमोचन महाबली भक्त हितकारी…

0 Comments

थाम ले तू महामारी

विश्व गुरु बनने का अवसर आया है थाम ले तू महामारी को, नाम अमर कर जाओ तुम। दिखा दे तू दम मिट्टी का, है यह राम का पावन धरती सकल राष्ट्र तेरे साथ है, सकल विश्व को मार्ग दिखाओ। दिखा…

0 Comments

शशिवल्लभ जी के घनाक्षरी छन्द

महावीर हनुमान जयंती विशेष रात दिन साधना में, राम की आराधना में, शत्रु को विनाश और, काल हु पे भारी है। धीर बीर बल धारी, उमा पति अवतारी, अंजनी के जाए सुत, बाल ब्रह्मचारी है। बल को बखान हनु, रीछ…

0 Comments

कोरोना की बात

आओ बच्चों आज लिखें कोरोना की बात लिखें। कोरोना महामारी को हम, मानवता पर घात लिखें।। कोरोना ही कोरोना बस, सारे जग का रोना है। मास्क लगाना, दूरी रखना, और हाथों को धोना है।। चाइना से पैदा होकर, सारे जग…

0 Comments

हनुमान जयंती- संकट हरेगें हनुमान

हनुमान जयंती आज हनुमान जयंती है, ऐसा लगता है जैसे सारी दुनिया बंसती है। आज दिवस है बड़ा ही पावन, आज अवतरण राम मनभावन। अंजनी सुत वो केशरी नंदन, मंगल करण जग महा जग वंदन। अष्ट सिद्धि नव निधि के…

0 Comments

कोरोना- विकट समय

विकट समय विकराल घड़ी तू पंछी पछतायेगा, रहले कुछ दिन पिंजरे में, या प्राण पखेरू उड़ जाएगा, विकट समय विकराल घड़ी तू पंछी पछतायेगा, तू सदियों से उड़ने की सोचे धरती का तू चांडाल रहा, प्रकृति में हाहाकार मची, सज़ा…

0 Comments

जीतेंगे हम

जीतेंगे हम ये जंग भी बड़ी शान से कोरोना को हराएंगे हम जी जान से अब और नहीं सहेंगे कोरोना की मार अब हम भी करेंगे वार सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सेनेटाइजर इसके हैं ये हथियार सब मिलकर पालन करो…

1 Comment

कोरोना से लड़ना है

सुनसान है गलियाँ विरान पड़े हैं सभी चौराहे कोरोना नामक वायरस हर जगह फैलाये बैठा है बांहें। न जाने किस राष्ट्र पर है इसकी नापाक निगाहें सतर्क रहें सजग रहें पांवों को कुछ दिन घर पर ही टिकायें। बेवजह-बेमतलब इधर…

0 Comments

हम जीत सकते हैं

न कोई योजना थी न कोई था उपाय महामारी टूट पड़ी हर व्यक्ति हुआ असहाय इटली, चीन, अमेरिका या भारत ,पाकिस्तान कोरोना की बीमारी से हर मुल्क हुआ परेशान अब बनी योजनायें सारी अब सारे किये गये जतन कितनी मौतें…

1 Comment

कोरोना- घर मे रहना

घर में रहना, घर में रहना, सबसे विनती, कहना है। कोरोना है बड़ी बीमारी, सबको बचके रहना है।। मुंह पर पट्टी, हाथ धुलाई, रखना हर पल साफ-सफाई। कोरोना से बचना है तो, आइसोलेशन सहना है।। दुनिया भर के देश दुरूखी…

0 Comments

नफ़रत

कलमकार अजय प्रसाद जी ने अपनी सुपुत्री अंशु प्रसाद की एक कविता हम सबसे साझा की है। बहुत अच्छा लगता है जब नई पीढ़ी भी साहित्य में रूचि दिखाती है। आइए इस नन्हे कलमकार की स्वरचित पंक्तियाँ पढें। जीने की…

0 Comments

कोरोना वायरस आया

चीन से कोरोना वायरस आया पूरी दुनिया मे आतंक मचाया जनता मे है खौफ छाया शिक्षा संस्थान बंद बंद हुए सब माल सहम गये सब लोग हुआ हाल बेहाल वायरस ने भारतीय संस्कृति को आगे बढाया पूरे विश्व ने भारतीय…

0 Comments