कोरोना और भारत
पूरे विश्व का कातिल चीन, मानवता का हत्यारा हैकरने विनाश दुनिया का वायरस ये बनाया हैभूलाता रहा विश्व अब तक चीन की हर नादानी कोपर अब तो मिटना है कोरोना संग चीन की हर निशानी कोकर भ्रमण विदेश का भारत…
पूरे विश्व का कातिल चीन, मानवता का हत्यारा हैकरने विनाश दुनिया का वायरस ये बनाया हैभूलाता रहा विश्व अब तक चीन की हर नादानी कोपर अब तो मिटना है कोरोना संग चीन की हर निशानी कोकर भ्रमण विदेश का भारत…
निश्चित जीतेगा इंसान हमारी न विस्मृत होगी पहचान तुम न बन सकोगे सर्वशक्तिमान इंसान में बसते हैं भगवान कुछ काल के लिए हारा है विज्ञान निश्चित होगा कोरोना तेरा निदान इंसान ही सबसे बलवान हर कोई शामिल है तुम्हारे विरुद्ध…
नन्ही नन्ही बच्चियों में डर नहीं पनपना चाहिए किंतु कुछ असामाजिक तत्वों के कारण उन्हें डरना ही पड़ता है। कलमकार रोहिणी दूबे ने अपनी कलम से एक गुड़िया की भावनाएं वयक्त की हैं। हमें एक बेहतर और सुंदर समाज का…
वक्त के साथ-साथ त्यौहार मनाने के तरीके भी बदल रहे हैं। इसी बात को कलमकार रूपेन्द्र गौर ने एक व्यंगात्मक कविता में होली के त्यौहार को संबोधित करते हुए लिखा है। ना चेहरे का अपने रंग छुटा रहा हूँ, ना…
तू जो मिल के भी, न मिला मुझे, इस सब्र का, क्या हिसाब दूं? तेरी हिचकियों का सवाल मैं, मेरी सिसकियों का जवाब तूं । तू जो कह सका, ना समझ सका, उस जख्म का, क्या गिला करूं। तू जो मिल…
स्वास्थ्य है अनमोल धन रहता इससे तंदुरुस्त मन चाहे पैसे कमा लो चार बिन स्वस्थ जीवन बेकार स्वास्थ्य से चमकती काया चाहे कमा लो कितनी माया माया को भी उसने कमाया जो स्वास्थ्य शरीर रख पाया विकट समस्या आ पड़ी…
ओ प्यारी नर्स! तुम देवी का रूप हो नर सेवा में लीन तुम अभी चुप हो दिनरात मरीज़ो की ऐसे करती सेवा जैसे पूजा की धूप हो। ओ प्यारी नर्स! तूने मदर टेरेसा बन जन्म लिया मानवता को बचाने को…
पिछले दिनों दिल्ली के बदतर हालात पर सविता मिश्रा द्वारा लिखी एक कविता पढ़ें। हम कैसे भूल जाते हैं कि इस तरह का माहौल दिलो-दिमाग पर एक भयावह छाप अंकित कर देता है, अतः अमन और शांति बनाए रखने में…
दीप जलाएं, शंख बजाएं, कोरोना को दूर भगाएं। घर पर रहे, करें न मनमानी, आंगन को बुहारें, फूल व पौधों को दें पानी, हर क्यारी में रंग रंग के सुन्दर सुन्दर फूल खिलाएं। दीप जलाएं शंख बजाएं, कोरोना को दूर…
बात सिर्फ दिए जलाने की नहीं, अखंड एकता दिखाने की है। बात सिर्फ घर प्रकाशमय करने की नहीं, माँ भारती को मनाने की है। बात सिर्फ औपचारिकता निभाने की नहीं, हम सब की आस्था दिखाने की है। बात सिर्फ एक…
कोरोना की जात नहीं, कोरोना की कोई पात नहीं, जात- पात विहीन कोरोना, जिसका कोई धरम नहीं, भाग कोरोना भाग। कोरोना मानव नहीं, कोरोना कोई प्राणी नहीं, बस केवल है वायरस कोरोना, वायरस का वजूद नहीं, भाग कोरोना भाग। कोरोना…
कलमकार विकास सिंगौर की एक रचना पढें जिसमें वे लिखते हैं कि जीत का जश्न ऐसा हो किसी दूसरे को यह न लगे कि उसकी हार हुई है। खुशियों में सबको शामिल कर उसे और बड़ी कर लेना चाहिए। जश्न…
कुछ ऐसा ही होने "लगा" है इन दिनों, सारा समाज मानो "जगा" है इन दिनों!" कब से था जो ख़्याल क़ैद इस दिल में, राख़ से उठ फिर से "सुलग़ा" है इन दिनों! महामारी से जंग करने की खातिर, सब…
वो सुहाना सफर, किसे थी ये खबर, ये भी दिन आएगें. हम चले थे कहाँ, आ गये हैं कहाँ, ये भी दिन आयेगे. भागमभाग जीवन, मन में था कुछ लगन, ठहर जायेगे. अब दिल डरता है, मन मचलता है, जीवन…
गुनहगार नही जो सजा आज पा रहे जाने किस ग़ुनाह की कीमत चुका रहे। दूरिया तोड़ी तय करने निकले रास्ते। मौत की फिक्र नही बच्चो के वास्ते कोई नही मददगार आस बस पाव पर पहले ही जख्म लाखो फिर मार…
मेरी ऐसी स्थिति नहीं कि अभी मैं मारा जाऊँ और न मेरी मौत आई है मैं बिल्कुल स्वस्थ हूँ पर मैं मौत के दरवाजे पर खड़ा हूँ। अपने लिए नहीं, और न केवल अपने परिवार के लिए बल्की अपने देश…
घर में बैठे बैठे यूं ही देह हमारा जकड़ गया है थे कितने बलशाली बाहर चोरी हमरी पकड़ गया है सुख चैन की नींद गवाया गाया गाना रटा रटाया खटिया खींच खांच कर देहरी पे ही राग लगाया जैसे किशोर…
आज देश कोरोना से लड़ रहा बालात्कार का केश, दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है तीसरी विश्वयुद्ध जैसी हालात है पर, उन दरिंदों की कमी नहीं जो राह पर शिकारी बन बैठा है मदद करने नहीं साहब दमन, शोषण करने लड़कियों…
बाहर निकलने की गलती मत कर खुद से तू ऐसी यह गद्दारी मत कर। ये दुनिया तो तेरी अपनी ही है समझदारी तू ऐसी तो मत कर। हाथ मिलाना इतना जरुरी तो नहीं थोड़ा दूर से नमस्कार तो तू कर।…
कोरोना को हराना है हर देहरी दरवाज़े पर एक दिया जलाना है, दिव्यपुंज से प्रकाशित नया सवेरा लाना है। कोरोना को हराना है।। स्याह अमावस की रात को दीप क्रमिका से सजा कर नया सवेरा लाना है। एक दिया जलाना…