धरती करे पुकार

धरती करे पुकारमत करो मानव मेरा संहार,बच्चे के तरह में तुमको पालतीकुछ तो फिक्र करो तुम मेरे हाल की। आधुनिकता की इस होड़ में मत नष्ट करो मेरा श्रृंगार,वनों, पर्वतों, नदियों, सागरों को स्वच्छ रखबहने दो मधुर, सुगंधित बयार।जीव-जंतु सभी…

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प्रकृति का दोहन

धरती माता अब करती है करुण पुकार।मतलबी मानव ने इस पर किया अत्याचार।। जिस माँ ने दिये हमें इतने अनमोल उपहार।निज स्वार्थ में उसी पर हमने चलाई कटार।। ईश्वर ने अनुपम कृति मनुज को बनाया।इसी मनुज ने प्रकृति का चीरहरण…

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धरती है कहती

धरती अब यूँ है कहतीदुखी हो सब को बतातीदेख लो अन्य ग्रहोँ तुम सब भी कितना स्वार्थी है ये मानवमैंने ही इनको जीवन दियासदियों तक अंगार रहीफिर सदियों बाद जीवन अनुकूल बनी हर तरह से जीने का आधार बनी पर…

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पेड़ लगाओ पृथ्वी बचाओ

धूल धुँआ कहाँ तक झेलेगा आदमीध्वनि वायु जल प्रदूषित हो रहा हैजंगल के पेड़ धीरे धीरे कम हो रहेवन्य जीवों की प्रजातियाँ लुप्त हैंहरियाली अब दिखती नहीं कहीं भीधरती तवे सी जल रही दिनों दिन हैओजोन परत में छेद हो…

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धरती

सहनशीलता और धैर्य की विस्तृत है जो मूर्ति।अपने ही अणु-अणु, कण-कण से देती है स्फूर्ति।।हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सब को एक सा प्यार।काला, गोरा, ऊंच-नीच सबसे सम व्यवहार।।हर पल कितने चोट सहती पर रखती ना कोई बैर।टुकड़ों में बांटी गई…

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प्रकृति से खिलवाड़ न कर

प्रकृति से खिलवाड़ न करने की सलाह कलमकार अमित राजपूत अपनी कविता के जरिए दे रहे हैं। आज पृथ्वी दिवस के अवसर पर हमें प्रकृति का साथ देने का संकल्प लेना चाहिए। प्रकृति से खिलवाड़ कर सुंदर वृक्ष और जंगल…

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हम किसान के बेटे हैं

जहाँ जाति धर्म की क्यारी में, उगती हों मानवता की फ़सलें,जहां झूठ फरेबो से ऊपर, अनुशासन की बेलें निकलें।कुल की मर्यादा की ख़ातिर, चौदह वर्षों तक बनवास सहे,जहां कुल देवों को रिझाने को, दिन-दिन भर उपवास रहें।हम उस भारत के…

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पृथ्वी का करो संरक्षण

जिसे बचाने लिए नारायण वराह अवतार। उसी धरा को कर रहे क्षत-विक्षत चहुंओर।। अनंतानंत ब्रह्मांड में न है धरा यही उपयोगी। उपभोग करो संरक्षण करो न बनो ऐसे भोगी।। हर पल हिमखंड पिघल रहे खतरे में है पृथ्वी। सावधान हो…

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पृथ्वी दिवस का मान करें

हे! जननी के सपूत चलो, सुयश का गान करें स्व धरा सुरक्षित करके, पृथ्वी दिवस का मान करें आओ मिलकर सर्वजन, सौंदर्य सा इसे सजाए सम्पूर्ण धरा पे वृक्ष लगा के, प्रदूषण को दूर भगाए हरित रंग को कवच बनाएं…

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धरा की अनंत पीड़ा

विश्व धरा ने युगों-युगों से, अनंत पीड़ा सही। जीवन दिया, पोषण किया। पालक होकर भी, पतित रही। अपनी ही संतानों का, संताप हर, अनंत संताप सहती रही। विश्व धरा ने युगों-युगों से, अनंत पीड़ा सही। स्वर्णनित उपजाऊ शक्ति देकर, भूख…

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हरा भरा हो वसुधा का घर द्वार

आओ जिन्दगी बदल डालें अपनी भी सरकार प्रकृति के आगे हम सब है लाचार किसी को ताजमहल तो किसी को कर्फ़्यू पास मिला उपहार हम भी आना चाहते हैं तेरे आगोश में अब हमें तो मत नकार॥ लगने लगी है…

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पृथ्वी दिवस- छात्राओं की कविताएं

पृथ्वी दिवस के अवसर पर कलमकार राजीव डोगरा 'विमल' जी ने अपने विद्यालय की होनहार छात्राओं द्वारा लिखी गई कुछ कवितायें इस पृष्ठ पर प्रस्तुत की हैं। आइए हम आकृति, संजना और सुहानी की कविताएं पढ़ें। १) पृथ्वी दिवस पृथ्वी…

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स्नेहा कुमारी की लघुकथाएँ

१. अनार की चाहत एक शहर में दो बहनें रहती थी। एक का नाम शोभा और दूसरे का नाम बेबी था। दोनों में बहुत प्रेम था। दोनों एक साथ स्कूल आती और जाती थी। एक दिन की बात है, दोनों…

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क्यूं फिकर? हम भूले कि नहीं

हम कभी-कभी सोचते हैं कि जिसे हम चाहते हैं वह हमारी फिक्र करता है या नहीं। कलमकार पूनम भारती की इन पंक्तियों में ऐसे ही सवाल उठ रहे हैं, आप भी पढें। वो जो रिश्ते मुझमें घुले ही नहीं उन्हें…

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अजनबी

हमारी मुलाकात अजनबियों से होती हैं और वे करीबी बन जाते हैं। कलमकार अनिरुद्ध तिवारी ने एक कविता प्रस्तुत की है जिसमें उन्होंने किसी अजनबी का जिक्र किया है।जब दूर से देखा था तुमकोपता नहीं था!इतनी समझदार हो तुम!बड़े संकोच…

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सब बिक गए बाबू

समाज में फैली एक बुराई है- भ्रष्टाचार। कलमकार राजेश्वर प्रसाद जी की यह कविता पढ़ें जिसमें उन्होंने बहुत ही साधारण लहजे में एक सांकेतिक उदाहरण के माध्यम से अपने विचार वयक्त किए हैं। मैंने देखा एक बूढा़ कुम्हार को दिवाली…

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कल्पना शक्ति

कलमकार मनोज बाथरे कल्पना को परिभाषित करने का प्रयास इस कविता में किया है। आइए उनके विचारों को और कल्पना शक्ति को जानें। कल्पना एक रचनात्मक ताकत है जो सपनों को एक दिन हकीकत में परिवर्तित कर सकती है बशर्ते…

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इश्क का सुरूर

कलमकार शीला झाला की कुछ पंक्तियाँ पढिए जिनमें प्रेम के शुरुआती दिनों का वर्णन हुआ है। आपको कोई पसंद आ जाता है और ख्यालों की दुनिया बनाने में आप व्यस्त हो जाते हैं। तेरे इश्क का सुरूर दिल पर छा…

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नया इतिहास रचाना है

कलमकार उमा पाटनी कोरोना को हराने की बात अपनी पंक्तियों में लिखती है। उनका कहना है कि हमें ऐसा कुछ करना चाहिए जिससे हमारी जीत हो और यह कदम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाए। जी हाँ सो जाने…

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संत शिरोमणी सेन महाराज की ७२०वीं जयंती

19 अप्रैल 2020: संत शिरोमणी सेनजी महाराज की 720 वी जयंती पर विशेष लेख सेनजी महाराज का इतिहास संहिता 132 के आधार पर श्री सेनजी महाराज की जन्म तिथि बैसाख बदी 12 विक्रम संवत 1357 मानी गई है। पूर्व भाद्रपक्ष…

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