मिडिल क्लास आदमी
एक मध्यम वर्गीय परिवार का आदमी कितना संघर्ष करते हुए अपना जीवन यापन करता है, यह सिर्फ वही बता सकता है। कलमकार हैप्पी उज्जवल उस इंसान के संघर्ष का उल्लेख इस कविता में करते हैं। मेहनत के पसीने से तर…
एक मध्यम वर्गीय परिवार का आदमी कितना संघर्ष करते हुए अपना जीवन यापन करता है, यह सिर्फ वही बता सकता है। कलमकार हैप्पी उज्जवल उस इंसान के संघर्ष का उल्लेख इस कविता में करते हैं। मेहनत के पसीने से तर…
कोरोना के योद्धाओं को, मैं प्रणाम करता हूँ। लड़ रहा विश्व, आज जिस त्रासदी से , आगे आएं, इन मनुज अवतारों की, भूमिका को सलाम करता हूँ। कोरोना के योद्धाओं को, मैं प्रणाम करता हूँ। उन डॉक्टरों, पुलिस अधिकारियों, सफाई…
दीवारें नफरतों की गिरा दीजिए, किसी रोते हुए को हसा दीजिए। जीना ना हो जाये दूभर कहीं, जख्मों को ना इतनी हवा दीजिए। मुसीबत में मदद का हाथ बढाकर, उनके दुखों को थोड़ा गला दीजिए। वह अभागा रातभर सोया नहीं,…
इस दूनिया की भीड़ में आज आदमी तन्हा है । जो प्रकाश दे जग में वो सूरज आज तन्हा हैं। जो खेतों में धान निकाले वो अन्नदाता आज तन्हा हैं। जो औरों के दर्द दूर करे वो भगवान आज तन्हा…
कुछ वक़्त अब तो ठहर घर में आख़िर क्या है, जान से बढ़कर और इस दुनिया में रखा क्या है, जिन बन्द पेटियों में तुम शराब लाते थे, हां वही है जो अब उनमें लाश आ रहे हैं, महज़ खेल…
हँसते मुस्कराते रहे चेहरे, आज वो बिल्कुल उदास हैं। रात में मुश्किल से जो रुकते, चारों पहर ही पास हैं।। अचानक आई आपदा से निपटना हो रहा कठिन। शुक्र है परवरदिगार का, हमारी चल रही सांस है।। माथे पर…
जिंदगी जीने के लिए संगत का असर देखा संक्रमण का उन्माद देखा जो उनसे दूर रहा जिंदगी को ज्यादा जिया जिंदगी कोई खेल नहीं जिसे संक्रमण की आग में झोंक दिया जाए घर पर रहे परिवार का साथ जो परिवार…
अखिल विश्व में आतंक तुम्हारा कोरोना।क्या खूब फैलते जल्दी जल्दी कोरोना।। अति सूक्ष्म होकर भी करते काम बढ़े।जो भी सुनता हो जाते हैं कान खड़े।। जिस घर जाकर तुम भय फैलाते।सर्दी खाँसी बुखार उनमें दिख जाते।। बार बार हाथ धुलाई…
महाभारत अब भी, जारी है कोरोना के, महामारी से घर में रहोगे, सुरक्षित रहोगे बाहर निकले यदि, कोरोना का कहर, ढोओगे। लक्ष्मन रेखा को, पार ना करना अगर इससे निज्जात है, पाना है भारत को, यदि बचाना वैश्विक महामारी से…
माँ तुम मुझे अपनी आँचल में छुपा ले इस कोरोना महामारी से बचा ले माँ तुम मुझे अपनी आँचल में छुपा ले फैल गई कोरोना महामारी पूरी दुनिया में तेजी से अब देश सुरक्षित न रहा इस महामारी से फैल…
सुबह हुई तो निकले घर से, शाम हुई तो लौटे घर, घर में रहकर घरवालों को भूल गया, ब्यस्त हुए सब, मस्त हुए सब, घर को, गैराजों में बदल दिया, बेड़ रोए, टीवी रोए, रोए घर का हर कोना, पूछ…
जलियाँवाला बाग के शहीदों को शत-शत नमन। अमर शहीदों को सलाम करती हुई इमरान संभलशाही की एक कविता पढ़ें। करता हूं मन से मै अमर शहीदों को सलाम कुर्बान हो गए देश के खातिर, गूंज रहा है जिनका नाम उन…
चलो मनाएँ कृषि पर्व को बैशाखी है सबकी साथी। कृषियों के दिल की है चाभी आई है अपनी बैसाखी।। खेतों में फ़सलें आ जाती आती है अपनी बैशाखी। बच्चे बूढ़े खुश हो कहते आई है अपनी बैशाखी।। खड़ी फसल को…
कभी-कभी आकर्षण को हम प्यार समझने की गलती कर लेते हैं जबकि सत्य कुछ और ही होता है। कलमकार अनिरुद्ध तिवारी आकर्षण के मुद्दे पर चंद पंक्तियाँ इस कविता में प्रस्तुत की हैं। तुम्हारी नजरों की गुस्ताखियां आज उलझे एहसासों…
समझ नही आ रहा मुझे आज क्या खास लिखूं। कुछ अलग लिखूं आज या रोज की तरह बकवास लिखूं। ये कोरोना के मौत का कहर लिखूं या चाइना द्वारा फैलाया जहर लिखूं। सेनेटाइजर से लोगों का प्यार लिखूं या मास्क…
एक दीपक का कर्म होता है अंधकार मिटाकर उजाला फैलाना और प्रकाश सदैव सकारात्मक दिशा की ओर इशारे करता है। कलमकार सुनील कुमार की एक ऐसी ही कविता पढ़ें जो आपको ऊर्जावान बनाएगी। दीपक हूं मैं जलता रहूंगा तिमिर धरा…
कोरोना का ये अभियान रखना है देश का ध्यान याद करेगा हिंदुस्तान। घर में रहना हमारी शान यही हमारा है बलिदान याद करेगा हिंदुस्तान। बच्चों बुजुर्गों का रखना मान पूरा रखना हमे इनका ध्यान याद करेगा हिंदुस्तान। कितनों ने झोंकी…
हम कृतज्ञ हैं जो कलमकारों ने अपना स्नेह और सहयोग सदैव प्रदान किया है। डॉ कन्हैयालाल गुप्त जी ने हिन्दी बोल India के समर्थन में चंद पंक्तियाँ लिखी हैं जो उनके स्नेह को दर्शाता है। तुने इतना मान बढ़ाया, कम…
हमारी कई हरकतों को देखकर लोग हजार सवाल पूछा करते हैं। कलमकार तृप्ति मित्तल ने इंसान की इस मानसिकता को अपनी कविता में संबोधित किया है। हमें सकारात्मक सोच के साथ आगे आगे बढ़ते रहना चाहिए। लोगों की निगाहों को…
आलोक कौशिक की एक गज़ल पढ़ें जिसमें उन्होंने इंसानी फितरत का जिक्र किया है। शर्मिंदगी वाली हरकतों से सभी को बचना चाहिए। हमारा व्यवहार और विचार हमारे चरित्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मानव ही मानवता को शर्मसार…