एक युद्ध ऐसा भी- कोरोना

हुए युद्ध जब धरा पर,कांपे रण और थल।आपत्त में सब लोग,हुआ था काल विकराल।। घर में रहे सुरक्षित,जन जन को ये फरमान।हुआ एक युद्ध ऐसा भी,करे फैसले का सम्मान।। दिन इक्कीस पूरे है,एक एक ये बीत जाएंगे ।फतह हासिल होगी,मुक्ति…

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कवि हूं मैं

कम शब्दों में बड़ी-बड़ी बातें कह देना कवि की कला है। शब्दों का ताना-बाना बुनकर वे अपनी रचना को कविता का रूप देते हैं। कलमकार मुकेश बिस्सा स्वयं के बारे में लिखते हैं कि कवि हूं मैं। कवि हूं मैं…

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फूलों की बातें

इस संसार मेन हर चीज हमें कुछ न कुछ सीखा सकती है बशर्ते हम सीखना चाहें। कलमकार संजय वर्मा फूलों की बातें बता रहें हैं की किस तरह फूल अपना जीवन जीते हैं और एक सार्थक संदेश देते हैं। फूलों…

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प्रकृति के बिन कुछ नहीं

प्रकृति के बिन कुछ नहींना अस्तित्व हमारा, ना अस्तित्व दुनिया कामाँ सी संवारती हमेंगोद में लेकर, पालती हमेंगुरू सा ज्ञान, हर उपादान द्वारा देकरईश्वरत्व का पहचान कराती हमें।सूर्य सा तेज देकर, ऊर्जावान बनने कीनदी सा चिरंतन बहकर बाधाओं को पार…

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भारत माँ के सपूत

हंदवाड़ा  शहीदी को नमन करती एक कविता। कौन कहता है बेटे विदा नहीं होते है जब तिरंगे में लिपटा उनका देह आया होगा। उन सपूत की माँ का दर्द भला कौन समझ पाया होगा। कोई मोल नहीं लगा सकता उनके…

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आओ हम फिर दीप जलाये

हंदवाड़ा, जम्मू कश्मीर में पाँच शहीदों की शहादत पर एक कविता। बुझे आग को फिर सुलगायें। जो माता को शीश चढ़ायें। उनपें हम नत मस्तक हो जायें। भारत माँ के सच्चे लाल। देश की जो रक्षा में अपने जीवन का…

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अमर शहीद

हंदवाड़ा, जम्मू कश्मीर में हुई वीर सपूतों की शहीदी को नमन करती मेरी छोटी सी कविता। ऋणी रहेगा देश तुम्हारा, कर गये ऐसा पावन काम। बलिदानों की इस वेदी पर, क़ुर्बान किये अपनी पहचान। भूल जाए आम जन तो क्या,…

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सेना के जवान

हंदवाडा के शहीदो को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि। शहीदों की मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा। जयहिंद, जय भारत हाँ वो सेना का जवान है, फक्र है उसपे,अभिमान है। दो माँओं का दर्द…

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जाती है अब जान

मोहब्बत कभी-कभी दर्द भी दिया करती है, इसलिए संभल कर दिल लगाएँ। कलमकार आलोक कौशिक की एक गजल पढें। हुई भूल जो समझा उन्हें शाइस्ता जाती है अब जान आहिस्ता-आहिस्ता करना ना मोहब्बत कभी बेक़दरों से ऐ दिलवालों तुझे वफ़ा…

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कुछ दरकी सी जिंदगी

स्त्रियों के जीवन पर कलमकार सुप्रीता वात्स्यायन लिखतीं हैं कि वह दो भागों में बट सी गई है। मायके और ससुराल के बीच जिंदगी भी कुछ दरक गई है; आइये यह कविता पढें। ऐसे क्यूँ है नारीजीवन दो भागों में…

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संघर्ष

जीवन है तो संघर्ष भी होगा। बिना संघर्ष का जीवन निरर्थक ही होगा। इसी संघर्ष पर कलमकार सविता मिश्रा ने अपने विचार इन पंक्तियों द्वारा जाहीर किए हैं। जीवन और संघर्ष इनका तो चोली दामन का साथ है जीवन है…

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उम्मीद की एक किरण

उम्मीद ही है जो हम सभी को जिंदा रखती है। उम्मीद के ही बल पर हम सकारात्मकता की ओर बढ़ते हैं। कलमकार राज शर्मा ने भी उम्मीद को बताने के लिए यह कविता प्रस्तुत की है- विपदा घेरे अंधियारा करे,…

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तुझमें हैं-तुझमें हैं

हमारे भीतर अच्छाई और बुराई दोनों ही रहती है, अंदर की ऊर्जा का सदुपयोग कर हम कर्तव्यवान बन सकते हैं। कलमकार हिमांशु बड़ोनी हम सबका मनोबल बढ़ाती हुई कुछ पंक्तियाँ इस कविता मे लिखीं हैं, आप भी पढ़ें। तुझमें हैं…

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रात सोचते गुजरेगी

कलमकार आनन्द सिंह की कविता "रात सोचते गुजरेगी" पढिए। आपने भी रातों में सोने के बजाय सोचने का काम किया होगा और नींद कोसो दूर खड़ी होकर आप ही को निहारती रही होगी। ना जाने क्यों यूं मध्यनिशा में नींद…

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संकट कोरोना काल का

जूझ रहा संकट से जग, कैसी महामारी आई है। जीवन कष्टों में झूल रहा, कैसी लाचारी छाई है।। त्राहिमाम मचा हुआ है, धरती के हर कोने में। देखो दुनिया सहम रही है, सांसे भी अब लेने में।। मिलकर सबको संग,…

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विषाणु

तबाही के आसार नज़र आने लगेलोग घरों में बीमार नज़र आने लगेरौनक ए शहर फ़ीकी पड़ गई यहाँठप्प सारे कारोबार नजर आने लगेमुख्तलिफ रंगों सी ज़िंदगी जीने वालेसुफियाने उनके विचार नज़र आने लगेघर से निकलना तो ख़तरे में पड़ना हैवक़्त…

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खुली रहेगी मधुशाला

बंद रहेगी मंदिर मस्जिदखुली रहेगी मधुशालायह कैसी महामारी हैचुप देख रहा ऊपरवाला। नहीं मिल रहा राशन पानीमिलेगी लेकिन मधुशालाघर में बैठके मक्खी मारोदर्द में है पीने वाला। नशा मुक्त भारत हो जाताकैसे चलती मधुशालाव्यवसाय रुका है गरीबों काजो नोट की…

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मधुशाला और लाॅकडाऊन

बंद हुए‌ सब मंदिर मस्जिदविद्यालय पे लटका टालाबंद है देखो काशी काबालेकिन खुश हैं मतवालालाॅकडाउन में खुला करेगीदेखो अपनी मधुशाला विष का अणु भी बाट जोहतागले में जो टपके हालाकैसा इस का मद मैं देखूंजो मदमाता पीने वालालाॅकडाउन में खुला…

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एक यात्रा: लॉकडाउन में करना है कुछ काम

जब दैनंदिन दिनचर्या अचानक से ठप हो गई। प्राण सारा सिसक गया। वातावरण सारे विस्मय होने लगे। सूरज फीका पड़ गया। चांद भी अपने आने के इंतजार में सुस्ताने लगी।मौसल बेताल हो गया। पशु पक्षियों सहित सभी जीव चिंतित हो…

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सब मिलकर ‘कोरोनामुक्त भारत’ बनाएं

हमारा राष्ट्रवाद विश्व के विभिन्न देशों के लिए 'कोरोना वायरस' चुनौती का प्रमुख कारक बन चुका हैं। विश्व भर में प्रतिदिन लोगों की मृत्यु के आकडों में वृद्धि हो रही हैं। अमेरिका, इटली, चीन आदि विश्वभर के बड़ें-बड़े देशों के…

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