जवाब वक्त को देना होगा
जवाब वक्त को देना होगा सच को तुमको लेना होगा आह लगेगी मजदूरों की तब तुमको हिसाब देना होगा जवाब वक्त को देना होगा हर तरफ मौत का मातम है प्यासा भूखा है हर कोई चलने को मजबूर है लेकिन…
जवाब वक्त को देना होगा सच को तुमको लेना होगा आह लगेगी मजदूरों की तब तुमको हिसाब देना होगा जवाब वक्त को देना होगा हर तरफ मौत का मातम है प्यासा भूखा है हर कोई चलने को मजबूर है लेकिन…
सड़क कहती मजदूर से तुम मेरे साथी हो जिस प्रकार साथ निभाया है ये लाइट पोल और ठीक तुम्हारे बगल वाली नाली चलो तुम भी परमामेन्ट हो जाओ ठीक एक दाद और खुजली की तरह मजदूर ने अपनी आँखों से…
छोड़ आसरे गफलत के खुद को मज़बूत बनाना है। स्वावलंबी बन करके, खुद आत्मनिर्भर कहाना है।। गैरों के कंधों पर अपनी, बंदूक नहीं रखना सीखे! खुद की मेहनत से ही, खाना, जीना, रहना सीखे!! जिम्मेदारी और परिश्रम से, हर पथ…
अपने अंतःकरण में जिज्ञासाओं का बोझ लिए हुए मैं चले जा रहा हूं खुद में खुद की सोच लिए हुए महामारी के दरमियां जीने की सारी उम्मीदें खोकर मैं खुद के आंसू पोछने लगा, अपनी आंखों से रोकर जब सोच…
क्या मिला मेरे हिस्से में, बताऊगां बच्चो को किस्से में। मै कितना मजबूर था? क्यो कि मै मजदूर था। हर रोज नया तमाशा था, मन में मेरे भी आशा था। मिल जायेगी सहयोग हमे, खुशिया होंगी मेरे भी घर में…
एक हिन्दू था और एक मुसलमान। दोनों अच्छे दोस्त थे। सूरत के एक कपड़ा मिल में साथ साथ ही काम करते थे। कोरोना के कारण कपड़ा मिल बन्द हो गया। दोनों बेरोजगार हो गए।किसी तरह अपने गांव जाने के लिए…
ये मजदूर है हाँ, वही मजदूर जिसने तुम्हारे लिए निर्मित किया गगनचुंबी इमारतों को और स्वयं के रहने के लिए अपना घर भी नहीं बना पाया तुम्हारे रहने के लिए उसने सुंदर भवनों, आलीशान महलों को बनाया और खुद रहा…
औरेया हादसे में मारे गये सभी मजदूर भाइयों को भावभीनी श्रद्धांजलि बीमारी का संकट था फैला काम का पड़ गया टोटा था, जिंदगी मानो ठहर गई थी घर मे सबको रोका था।जिनके घर थे ठहर गए वो पर उनके लिए…
कलमकार अमित डोगरा इंतजार की परिभाषा अपने अनुभवों के अनुसार इस कविता में प्रस्तुत कर रहें हैं। आप भी बताएं- आपके अनुसार इंतजार क्या है? इंतजार क्या है? इंतजार से पूछो इंतजार क्या है? इंतजार क्या है मुझसे पूछो? उसके…
कलमकार अजय प्रसाद उस घड़ी का इंतज़ार कर रहें हैं जब लोग एक दूसरे की मदद करने हेतु स्वयं आगे आएं। आइए उनकी एक गजल पढ़ते हैं। जाने वो लम्हा कब आएगा जब कुआँ प्यासे तक जाएगा। झाँकना अपने अन्दर…
जोड़ियाँ भगवान बनाता है - यह तो आपने सुना ही होगा। परंतु अपने साथी की कल्पना कर या फिर अपने संग उसे पाकर आप क्या कहोगे? कलमकर स्वाति बर्नवाल ने उस अभिव्यक्ति को इन पंक्तियों में लिखा है आप भी पढ़ें।…
बस का सफर तो हर किसी ने किया है, लेकिन बस स्टैंड पर इसका इंतज़ार करना किसी को भी नहीं भाता है। यह बस कईयों को उनके गंतव्य स्थानों पर आसानी से पहुचाती है, कलमकार प्रीति शर्मा की एक कविता…
कलमकार रूपक कुमार मीठा बोलने की राय रख रहें हैं। आपने भी सुना होगा मीठी वाणी के कारण सभी आपसे प्रेम करते हैं। हे मानव तू बस मीठा बोल,क्यों बोले तू कड़वी बोल यही बोली तुम्हे मानव से दानव बना…
(१)रात की गोदटिमटिमाता चाँदछाया आमोद (२)सोई-सी रातनिज साजन साथजागा प्रभात (३)जगते तारेनभ की रखवालीकरते सारे (४)अन्तस रंगमौन निर्लिप्त हैआत्म दीप्त है (५)क्षण की खोजसत चित आनन्दकोश में बंद (६)छोड़ हताशामनुपुत्र! जीवटअक्षयवट (७)अर्द्ध रात्रि मेंघबराया चन्द्रमापृथ्वी पे अमा जीवन की अनिश्चितता…
भारत किसानों का देश है और हम किसान के बेटे हैं। कृषि क्षेत्र में शिक्षा और जागरूकता की आवश्यकता है जिससे आज का युवा भी इससे जुडने का मन बनाए। कलमकर करन त्रिपाठी की कविता भी इसी विषय को उजागर…
पानी बहुत ही अनमोल है, इसे सहेजकर उपयोग में लाना। कलमकार मुकेश अमन ने अपनी कविता में इस अनमोल संपदा का संचयन करने की सलाह दी है। पानी सबकी, प्यास बुझाता,सबमें जीवन आस जगाता।पानी है संसार, आबरू,पानी जीवन खास बनाता।।जल…
माता सदा अपनी संतान की सलामती ही चाहती है और इसके लिए ईश्वर से भी प्रार्थना करती है। कलमकार विनीत पांडेय मां और उसके मंदिर के बारे में बताने का प्रयास कर रहें हैं। मेरी मां और उसका मंदिर संजोकर…
डॉ. विभाषा मिश्र की एक रचना पढें जो कहती हैं कि खामोशी ज्यादा अच्छी होती है। दूर-दूर तक कोई तो होसुनने वाला जिसके लिएमेरी बातों का कोईमतलब भी निकलता होकोई तो हो जिसे सिर्फ़मेरी बातें सुनना पसंद होअगर कोई नहीं…
कलमकार प्रिंस कचेर "साक्ष" इश़्क को कातिल संबोधित करते हुए कुछ पंक्तियाँ लिखते हैं। तुम भी खामोश हो, मैं भी खामोश हूं फासले ही बचे, दोनों के दरमियां झूठे वादे किए,झूठी कसमें देिये क्यों बढ़ाई थी तुमने, यह नज़दीकियां मै…
अब वो दोस्त बड़े याद आ रहे हैं जिनसे गुफ्तगू किए बिना दिन बीते जा रहे हैं अब वो जमघट बड़ा याद आ रहा है जहां सन्नाटा अपना घर बना रहा है अब वो दिन बड़े याद आ रहे हैं…