भूख और रोटी- कलमकारों के विचार

भूख और रोटी- कलमकारों के विचार रोटी ~ पूजा कुमारी साव रोटी कितना मामूली और छोटा शब्दपर है विराट इसका स्वरूपजान जाते को, बचा लेजिसे ना मिले उसे यह मुआ देजन-जन के लिए यह है बलिदानीमिले तो, यह सिद्ध हो…

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कोरोना काल की समस्याएँ

कोरोना काल में  समस्याओं को व्यक्त करती कवितायें हिन्दी कलमकरों ने साझा की है, आप भी पढ़ें। फिर कोरोना एक इतिहास है ~ मधु प्रीति शर्मा यह जो कोरोना हैदुनिया का रोना हैचीन से आई ये बीमारी हैमचाई जिसने तबाही…

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ऊँची दुकान बासी पकवान (लघुकथा)

घर का राशन लाना था। बच्चों ने किसी बड़े और नामी मॉल में जाने का प्रोग्राम बनाया और मुझे भी साथ ले गये। मॉल में बहुत भीड़ थी और बहुत सारी वस्तुओं पर भारी छुट थी। दो लीटर की कोल्ड…

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गलवान घाटी में सैनिकों की झड़प

गलवान घाटी, जहां १५ जून की रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी और कई भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। गलवान घाटी में भारतीय सेना के इंजिनियर्स ने गलवान नदी पर पुल बना डाला है,…

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कविताएं शहीदों के नाम

भारतीय सेना के जवान सरहद पर तैनात रहते हुए हम सभी देशवाशियों की देश के दुश्मनों, घुसपैठियों से सुरक्षा करते हैं। ये वे जवान हैं जो अपने परिवार से दूर रहकर भारतमाता की सेवा करते हैं और वे अपने प्राणों…

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पिता के प्रति प्रेम और सम्मान व्यक्त करती कविताएं

माता-पिता बच्चे के जीवन में अहम भूमिका रखते हैं। पिता के प्रति प्रेम और सम्मान को व्यक्त करतीं हुई कुछ कविताएं पढिए। वो पिता है ~ कलानाथ रजत साव जन्म माँ दे पर दर्द सहे जो ज्यादाकोई और नहीं वो…

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योग दिवस की विशेष कवितायें

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है। योग दिवस पर आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं। 21 जून 2020 को योग दिवस की थीम "घर पर योग और परिवार के साथ योग" है। आओ योग करें…

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फादर्स डे की विशेष कवितायें

फादर्स डे के अवसर पर हिन्दी कलमकारों की कुछ कवितायें पढिए। पिता धरती आकाश - शिवम झा (भारद्वाज) पिता धरती है पिता आकाशपिता ही आशाओं का प्रकाशआगे बढ़े संतान हमाराहर पिता करता है यही प्रयास तपती झुलसती धूप मेंपिता तपाता…

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पितृ दिवस २०२० विशेष

फादर्स डे पिता के सम्मान में मनाया जाने वाला पर्व है। भारत सहित कई देशों में जून महीने के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया जाता है। पितृ दिवस के अवसर पर हिन्दी कलमकारों की कुछ कवितायें पढिए। मेरे पिता…

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पिता को समर्पित १० कविताएं

पिता परिवार का मुखिया होता है और बच्चों में संस्कार की नीव रखता है। हमारी परवरिश में पिता का विशेष योगदान होता है। आइए हम हिन्दी कलमकारों द्वारा पिता को समर्पित की गईं कुछ कवितायें पढ़ते हैं। पिता एक बादल…

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रोहित प्रसाद पथिक की दस कविताएं

साहित्य के क्षेत्र में चार भाषाओं जैसे हिन्दी, अंग्रेजी, बंगला व उर्दू में कविताएँ व कहानियाँ लिखनेवाले कलमकार रोहित प्रसाद पथिक ने अपनी दस कविताएं आपके समक्ष प्रस्तुत की हैं। १) बारह बजे के बाद बदल जाती है दुनिया खुशियों…

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नारी सम्मान में कवियों की १० कविताएं

नारी नहीं जहान हूँ कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप"कलमकार @ हिन्दी बोल इंडिया नारी नहीं जहान हूँहिंद की मैं शान हूँ झुका नहीं सके कोईवो प्रचंड आसमान हूँ,अस्मत मेरी पे जो ताकताउसके लिये हैवान हूँ,क़ायनात की मैं अप्सरासृस्टि की पहचान हूँ।…

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५ लघुकथाएँ

~ डॉ शशिवल्लभ शर्मा आत्मनिर्भर  बड़े गाँव के बड़े मुखिया साहब वर्षों से अपनी खुशहाल जिंदगी जी रहे थे, घर द्वार सब भंडार भरे थे, गांव के सभी किसान, नौकरपेशा, मजदूर किसी को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं थी।…

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सुशांत सिंह राजपूत को भावभीनी श्रद्धांजलि

अरे यार! इस तरह क्यों गए? ~ इमरान सम्भलशाही सितारे चमकते ही नहीं गर्दिश में चलते भी हैचकाचौंध भरे आंगन में गरीबी में पलते भी है जो दिलो में रहकर गुलाब का फूल सा बसे होते हैउनकी अपनी भी ज़िन्दगी…

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विश्व रक्तदाता दिवस २०२०

विश्व रक्तदाता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। रक्तदान करिये और इस महान कार्य हेतु सभी को प्रोत्साहित करनेवाली कलमकारों की कविताएं भी पढ़िए। रक्तदान~ इमरान सम्भलशाही नफा दो, रक्त से रक्त का, जो तेरा बस हैखिले घर में खुशियां, रक्त दान…

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बाल श्रम निषेध दिवस २०२०

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ ने वर्ष २००२ में की थी। प्रत्येक वर्ष १२ जून को बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को १४ वर्ष से कम उम्र के बच्चों…

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केरल में गर्भवती हथिनी की मौत

केरल में मलप्पुरम जिले में एक वन अधिकारी मोहन कृष्णन्न ने सोशल मीडिया पर हथिनी की दर्दनाक मौत से जुड़ी ख़बर पोस्ट की थी। उन्होने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ''हथिनी ने सब पर भरोसा किया। जब उसके मुंह में वो…

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मई २०२०- अधिकतम पढ़ी गई कविताएं

MAY-2020: १) वो दिन ~ बिभा आनंद • २) बांसुरी ~ मधुकर वनमाली • ३) रिश्तों का दौर~ चुन्नीलाल ठाकुर यादों की कमी नहीं होती है, हम उन यादों के बारे मे कितना लिखें? कभी कभी तो शब्द ही कम…

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आदमी

डॉ. राजेश पुरोहित आज के माहौल और इंसान की आदतों को संबोधित करते हुए यह कविता लिखी हैं आइए पढ़ें। कितनी ही मुश्किलें उठाता है आदमी घर से जब जब बाहर निकलता आदमी महँगाई आसमान छू रही है खा नही…

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उम्मीद

प्रीति शर्मा ने उम्मीद पर चंद पंक्तियाँ लिखी हैं और हर परिस्थिति में एक उम्मीद बनाए रखने की सलाह दी है। जिंदगी उम्मीद पर टिकी है। परेशानियां, कितनी भी आ जाए। आने वाली हर खुशी की, उम्मीद पर टिकी है।…

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