नए साल का शुभारंभ

१. नया साल, नई उम्मीद ~ राजीव डोगरा नया सालनई उम्मीद लेकर आया है।छोड़ चुके हैं जोउनका हिसाब लेने आया है।नया साल मां रणचंडी कोसाथ लाया है,उठाए खड्ग खप्परशत्रु का संहार करने आये है।बीते हुए वक्त मेंजो बन गए थे…

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वर्ष 2021- स्वागत है

१. नया वर्ष और हमारा संकल्प ~ इरफ़ान आब्दी मांटवी समझ में ये नहीं आताजो पिछला वर्ष गुज़रा हैबधाई इसकी भी दी थीमगर अफसोस होता हैकभी ये भी नया वर्ष थापरेशानी परेशां थीदुखों की आप बीती थीसड़क सुनसान दिखती थीचमन…

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लॉकडाउन 2020

लॉकडाउन और मेरा अनुभव ~ शिवम झा (भारद्वाज) किसी ने ठीक ही कहा है किस समय से बड़ा बलवान कोई नहीं है समय का चक्र कब किस ओर करवट लेगी ना कोई इस बारे में जानता है और ना कोई…

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स्त्रियों को संबोधित करती कविताएं

नारी प्रियंका विनयकलमकार @ हिन्दी बोल इंडिया नारी को नारी रहने दोवो भी एक इंसान हैैसुख दुख के भावों से बनताउसका भी संसार हैदेवी का प्रतिरूप बनाकरलज्जा का अंबर न लपेटोपौरूषता के झूठे दंभ मेंना उसकी कोई सीमा बनाओउङती है…

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मेरी कहानियाँ- सुमित पवार

1) माँ-बाप और बचपन आँखें एक जोर की आवाज के साथ खुली और देखा तो माता जी दही चलाने की मशीन चला रही है और मट्ठा बना रही है। मैंनें उठते ही माता जी को प्रणाम किया और माता जी…

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आलोक कौशिक की दस रचनाएँ

१) प्रकृति विध्वंसक धुँध से आच्छादितदिख रही सृष्टि सर्वत्रकिंतु होता नहीं मानव सचेतकभी प्रहार से पूर्वत्र सदियों तक रहकर मौनप्रकृति सहती अत्याचारकरके क्षमा अपकर्मों कोमानुष से करती प्यार आता जब भी पराकाष्ठा परमनुज का अभिमानदंडित करती प्रकृति तबअपराध होता दंडमान…

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इमरान सम्भलशाही की कहानियाँ

१. माँ का थैला हर बार की तरह माँ चूल्हे के पास बैठकर आटा गूँथने में लग गई थी, मन ही मन कुछ बुदबुदाए जा रही थी और हाथ के कोहनी से बार बार आटा गूँथने के दौरान माथे पर…

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नवंबर २०२०- अधिकतम पढ़ी गई कविताएं

NOVEMBER-2020: 1) हम तुम एक है ~ कुमार उत्तम • 2) बेटे ~ मधु शुभम पांडे • 3) प्रेम में ठगी हुई स्त्री ~ कलमकार- गीता बिष्ट १) हम तुम एक है कुमार उत्तमकलमकार @ हिन्दी बोल IndiaSWARACHIT2089 हम तुम…

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