रिमझिम बारिश

रिमझिम बारिश

रिमझिम – रिमझिम जब बारिश आयी

मन में तेरे रौनक और खुशहाली छायी

नन्हें पैरों से जब तुम आँगन में चलती थी 

पकड़ नहीं पाओगे पापा ऐसा कहती थी

पग में तेरे पायल बारिष के संग बजते थे 

पीछे-पीछे तेरे हम भी बस यूँ ही चलते थे

देख तुझे हम भी बचपन में खो जाते थे 

इसलिए तो तेरे संग भीगने आ जाते थे

धन्य हुआ आँगन मेरा तेरी किलकारी से 

खुशबू जीवन में आये मेरी फुलवारी से

 

~ अमित मिश्र

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