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मरू महोत्सव- मारवाड़ की शान

मरू महोत्सव २०२०, जैसलमेर (७-९ फरवरी, २०२०)
विश्व प्रसिद्ध मरू महोत्सव भारतीय संस्कृति की पहचान, परिचायक और मारवाड़ की शान है।

भारत की संस्कृति बहुत ही रंग-बिरंगी संस्कृति हैं जो पूरी दुनिया में विशेष पहचान रखती हैं। यहां कई प्रकार के तीज-त्यौहार, पर्व- उत्सव मनाये जाते है जो भारतीय संस्कृति का परिचायक होते हैं। दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करती है ऐसी रंग-बिरंगी संस्कृति। पिछले दिनो हमने ऐसा ही भारतीय संस्कृति की आन-बान-शान से लबरेज राजस्थान के बीकानेर शहर से ‘ऊंट महोत्सव’ मनाया। अब इसी कड़ी में राजस्थान के  जैसलमेर शहर मारवाड़ धरा से ‘मरू महोत्सव’ का आगाज छह फरवरी से शुरू होगा। यह मरू महोत्सव देश व दुनिया में सुप्रसिद्ध मशहूर हैं। विश्व प्रसिद्ध जैसलमेर का परंपरागत तीन दिवसीय मरू महोत्सव 2020 आगामी सात से नौ फरवरी तक जैसलमेर में धूमधाम हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस बार महोत्सव नए रंगो और आकर्षक कार्यक्रमों के साथ लोगों को खूब लुभाएगा। देशी-विदेशी हजारों सैलानियों को भरपूर मनोरंजन का सुकून मिलने वाला है। जिसके लिए पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन ने अपनी विशेष तैयारी शुरू कर दी गई है।इस बार साफा बांधो प्रतियोगिता को बेहद खास बनाने की तैयारी है। इसके अंतर्गत लगभग 5,000 लोग एक साथ साफा बांधेंगे तथा हेरिटेज वॉक का आयोजन भी होगा।

जिसमें जैसलमेर के पारंपरिक वेशभूषा में लोग शामिल होंगे। यह वॉक सोनार दुर्ग से चालू होकर आगे बढ़ती हुई पटवा हवेली से गड़सीसर तक पहुंचेगी। जहां दीपदान का विशेष कार्यक्रम का आयोजन होगा। जैसलमेर के जिला कलेक्टर के अनुसार इस बार मरू महोत्सव के तीनो दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भव्य मूर्त रूप दिया जा रहा है। जिसमें कई नामी बॉलीवुड के साथ ही उच्च कोटि के कलाकारों को आमंत्रित किया जाकर सांस्कृतिक कार्य्रक्रम आयोजित किये जायेंगे। इसके साथ ही लाणेला में घुड़दौड़ और सम में कैमल रेस का आयोजन होगा। राजस्थान के रेगिस्तानी व सीमांत जैसलमेर में पिछले बयालीस सालो में अपनी अलग अपनी खास पहचान बनाने वाले मरू महोत्सव का इस वर्ष आगामी सात फरवरी से आगाज़ होगा जो सभी के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगा जिसका देशी-विदेशी पर्यटक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस बार मरू महोत्सव में पर्यटकों को कई नवाचार देखने को मिलेंगे। गत वर्ष भी स्थानीय जिला कलेक्टर ने नवाचार करते हुए हेरिटेज वाक का शानदार आयोजन किया था, साथ ही पूनम स्टेडियम में पांच हजार जैसलमेरवासियों ने एक साथ साफे बांधकर इतिहास रचते हुए एक रिकॉर्ड दर्ज किया था। इस बार फिर जिला कलेक्टर की पहल पर मरू महोत्सव में नवाचार करते हुए कई नए कार्यक्रम शामिल किये जा रहे हैं।

मरू महोत्सव में देशी विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए महोत्सव में पहली बार ‘लेजर एंड साउंड सिस्टम और कल्चरल नाइट’ का विशेष आयोजन किया जाएगा।  तकरीबन 40 मिनट तक चलने वाले इस विशेष लेजर एंड साउंड सिस्टम में लोक गीत जैसलमेर के दर्शनीय स्थलों से पर्यटक रंग बिरंगी छटा से रूबरू होंगे। यह विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगा । लेजर लाइट के माध्यम से जैसलमेर के पुराने इतिहास को प्रदर्शित किया जायेगा, जैसलमेर में पहली बार लेज़र एन्ड साउंड सिस्टम और कल्चर नाईट का आयोजन होगा। जैसलमेर के ख्याति प्राप्त सम के रेत के टीलों के बाद सर्वाधिक आकर्षक रेगिस्तानी धोरे खुहडीगांव में हैं, पिछले काफी समय से पर्यटकों को खुहडी काफी प्रभावित भी कर रहा हैं। खुहड़ी में भी सम की तरह रिसॉर्ट आदि बड़ी तादाद में स्थापित हैं। खुहड़ी कस्बे को नया पर्यटक केन्द्र के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से पहली बार खुहड़ी को मरू महोत्सव से जोड़ा जा रहा हैं और इस बार खुहड़ी के धोरों पर लोक गीत संगीत की महफ़िल जमेगी और लोक कलाकार अपनी जादुई स्वर लहरियां बिखेरेंगे। इस बार पर्यटन विभाग ने मरू महोत्सव के कार्यक्रमों में पोकरण को भी शुमार किया हैं और पोकरण में भी मरु महोत्सव के तहत कुछ कार्यक्रम आयोजित होंगे। यह मरू महोत्सव देश व दुनिया में सुप्रसिद्ध मशहूर है जो देसी-विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह भारत की रंगीन संस्कृति से बेखुबी रूबरू कराने के साथ ही सबके दिलों में जगह बनाया हुआ है इसे देखने हेतु पर्यटक तैयारी में लगे हुए है। 

~ लेखक: सूबेदार रावत गर्ग उण्डू ‘राज’, बाड़मेर – राजस्थान

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