श्रद्धांजलि: अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि

श्रद्धांजलि: अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि

“मनुष्य जीवन अनमोल निधि है, पुण्य का प्रसाद है। हम केवल अपने लिए न जिएं, औरों के लिए भी जिएं। जीवन जीना एक कला है, एक विज्ञान है। दोनों का समन्वय आवश्यक है।”
~ भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी

परम पूजनीय “अटल”

जिनका प्रत्येक शब्द था इक अमिट लकीर के जैसा,
जिनको प्यारे थे दोनों, साफ़ विचार व खुला आसमान।

जिनके भीतर बसते थे अग्नि, भूमि, पवन, धरा व जल,
ऐसे ज़िंदादिल शख़्स थे, हमारे परम पूजनीय “अटल”।

कलम की गज़ब की धार, दिल में भरा वो असीम प्यार,
मित्रों से सौहार्द, शत्रुओं की बुराइयों पे करते थे प्रहार।

पावन तन-मन व महाप्राण था पूर्ण रूप से निश्च्छल,
ऐसे ज़िंदादिल शख़्स थे, हमारे परम पूजनीय “अटल”।

वक्तव्य जिनका मन मोहता है आज भी श्रोताओं का,
ज्यों अमृत कलश सम्मोहित करे चित्त देवताओं का।

उनमें ही बसते थे इस देश के “कल,आज और कल”,
ऐसे ज़िंदादिल शख़्स थे, हमारे परम पूजनीय “अटल”

इं० हिमांशु बडोनी (शानू), पौड़ी गढ़वाल

युगपुरुष भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें शत्-शत् नमन् करता हूं।

“सरल जिसके आचार
अनमोल जिसके विचार
व्यक्तिव जिसका निराला
चिंतन ही जिसका उजाला
वही है अटल, वही है अटल.”

अनुभव मिश्रा, फर्रुखाबाद

अटल बिहारी वाजपेयी

प्रभावशाली होती थी बातें उनकी
उनकी खामोशियों में भी थी ताक़त
लिखीं कविताएँ उन्होंने ओजस्वी
उनके व्यक्तित्व में थी सदाक़त

प्रधानमंत्री भारत के दसवें थे वो
फिर भी जीवन रहा सदैव सादा
ऐसे थे अटल बिहारी वाजपेयी
अटल था उनका हर एक इरादा

मनीषा कुमारी आर्जवाम्बिका

शब्दों का प्रयोग हैं अटल
वाणी का संयोग हैं अटल
देश भक्ति का रस हैं अटल
सत्य का दीपक हैं अटल
शान्ति का दूत हैं अटल
हिन्दी के योद्धा है अटल
जनमानस के हदय पटल में अंकित हैं अटल।

ललिता पांडेय

भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई

एक अटल सत्य जीवन का यही है तुम जान लो,
मृत्यु के आगे सब नतमस्तक इसको तुम पहचान लो।

था एक दीपक भारत माँ का सपूत वो
चला गया वो हार कर मृत्यु से माँ भारती का सुत वो।

राजनीति में वो एक उदाहरण थे,
विपक्षी भी करते उनका वरण थे।

है संयम और धैर्य के परिचायक,
राजनीति के थे वो असली नायक।

उनकी महिमा का क्या करें बखान,
वो थे असली गुणों के खान।

थे वो वास्तव में अजातशत्रु,
सम्पूर्ण व्यकित थे उनके मित्र।

काल की नीति है कि उसको आना ही है,
मौत की रीति है कि उसको सबको ले जाना ही है।

कवि ह्रदय था उनका मासूम कोमल,
जीवन था उनका निश्छल और सरल।

है युगों तक वो हमारे जेहन में रहेंगे,
वो युग पुरुष मरकर भी जीवन मे रहेंगे।

~ रूचिका राय, सिवान

अटल बिहारी जी

छोड़ गए वो छाप अपनी,
हर मानस पटल पर,
आज भीं कई ऐसे,
जो फ़िदा है अटल पर..

युग पुरुष भारत के,
थे वो भाग्य विधाता,
पदम् विभूषण, परम् ज्ञानी,
भारत रत्न थे दाता..

रहे राजनीती कें शीर्ष पर,
करवा लिया परमाणु परीक्षण,
कारगिल हो या हो विदेश,
कहीं ना झुके वो एक क्षण…

ब्रजभाषा और खड़ी बोली मेँ,
करते थे काव्य रचना,
साहित्य और काव्य रस की,
रची कई प्रपंचना..

मेरी इक्यावन कविताये,
रग रह हिंदु मेरे परिचय,
मृत्यु, अमर आग है,
और भीं सेक्युलर वाद है..

~ स्नेहा धनोदकर

पुण्यतिथि विशेष भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी

ब्रम्ह मुहूर्त में पच्चीस दिसम्बर
हुआ अवतरित पालन धारी
सन् चौबीस में कृष्णा कोख से,
जन्म लिया अटल विहारी //०१

मात.पिता के अटल नाम में
कृष्णा.कृष्ण का था तेवर
वंश अनुगत के काव्य गुणों में
गए पा अटल रम्य सा जेवर //०२

शिक्षा ग्रहण कर बीए एमए का
गए पिता संग अटल गुरु द्वार
बीच विराम चिन्ह भाग उठे थे
हेतु समाज का स्वर्णिम उद्धार //०३

लोक तंत्र का तब सजग प्रहरी
सत्तानवे को जब देश सम्हाला
तेरह दिवसांतर पूर्व मास में
मुल्क की विडम्बना पुनः खंगाला //०४

जनता हित प्रबल नेतृत्व कर
कर गए विजित विजय अभियान
पांच वर्ष का गुजर बसर कर
हो गए अटल पूर्ण अन्तर्ध्यान //०५

नवाब थे जब वो जन संघ के
स्व हित खेदजनक न कोई बात
मुश्किलों में जब चल पड़े थे
समेट के अटल अपने जज्बात //०६

दस कदम संग बढ़ चला था
दो कदम की उच्च सा शान
रख हथेली को रण दिवस में
दिला गए हिन्द को सम्मान //०७

बन गए शीर्ष जब इस मुल्क के
उठ पड़ा बवंडर चराग शांति का
हिन्द का नारा समेट – समेट कर
आग्रदुत बन गए चिर क्रांति का //०८

शपथ लपेटे जब खड़े किले में
पवित्र संविधान की शान का
खरखराहट सी अंदाज़ नरम में
हो गए नील आसमान का //०९

निन्यानबे सन उन्नीस फर में
गए हिन्द को पार बेहद
प्रेम की भाषा शुरू हो गई
संज्ञा शब्द “सदा-ए-सरहद” //१०

नापाक पाक की रण भेरी में
तांडव बना कारगिल युद्ध जब
बेनकाब कराने करने को आतुर
अटल हो गए बिल्कुल क्रुद्ध तब //११

सम्मान में समष्टि विश्व सलाह के
कूद पड़े बन के अटल उफान
शुरवीर बन स्व क्रांति भवन से
कर दिए जगत को अटल हैरान //१२

दिल्ली कल चेमु राजमार्ग को
जोड़ किया पायोधि अम्बर भुज
ला खड़े किए निस्तेज भाव से
अटल अनंत स्वर्णिम चतुर्भुज //१३

कवि पत्रकार सा कल्पित सहचर
चल पड़े कृषक सा लौह हल
मर्म वेदना समेट समेट कर
सृजित कर दिया ताजमहल //१४

“हिन्दू तन मन, हिन्दू जीवन” में
क्षण किशोर का अंबुध विचार
देश विश्व व सर्व जाति का
कर गए अंगद सा संचार //१५

सर्वजन मुल्क जागरण बन कर
चल पड़े करने कराने यत्न
यथास्थिति सा विश्व जगत में
हो गए अटल अब भारत रत्न //१६

सारा देश नरम संग झुककर
दिया अटल को नखत सा मान
किंचित ही कभी अटल पटल पर
अवतरित हो अन्य हनुमान //१७

अगस्त सोलह सांझ दिवस में
कर गए अटल अदम्य चिरलीन
सारा जगत स्तब्ध सा होकर
बन गया चक्षु पलक गमगीन //१८

~ इमरान सम्भलशाही

माननीय अटल जी

सफल रहा जीवन आपकारच गए इतिहास
गौरवांवित बना भारत किये अनेकों काम
दिया नारा “जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान” का
ना कर कोई भेद-भाव हक दिलाया सब का।।
रहे आप भारत के पूर्व प्रधानमंत्री
खामोशी मे भी छिपी रहती नयी-नयी प्रवृत्ति
सत् सत् नमन! रहे पुण्य तिथि आपकी सदा कायम
देते हम आज सब आपको विनम्र श्रद्धांजलि
बन दिलों मे बस गए आप सबके न्यारे
भारत की शान थे हमारे “अटल जी” प्यारे।।

सरिता श्रीवास्तव

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