दुनिया में हम सभी कई लोगों से जुड़े हुए हैं और ढेर सारी यादों को संजोये हुए हैं। प्रियजनों की यादें हमें अक्सर खुशी/गम दे जाती हैं। भवदीप की पंक्तियाँ पढें- उसकी यादें
ऐ दिल उसे पाने की चाहत बन्द कर दे,
ऐ दिल अब मुझे समझाना बन्द कर दे।
उसकी मुलाकातों की यादें सुख चुकी है,
ऐ सुरज अब तू तो झुलसाना बन्द कर दे।।
कोई उसे मेरी ग़ज़ल के कुछ अन्तरे सुना दे,
कोई कह दे उसे मेरी ग़ज़ल बनना बन्द कर दे।
मेरी ज़िन्दगी में शायद ही कोई आये,
हर किसी को हमसफर समझना बन्द कर दे।।
वैसे तो सौ बहाने है मरने के,
कोई उसे मेरा बना कर एक बहाना तो कम कर दे।।
मेरे अंतर्मन की दीवार ओ दर हिलते है,
कोई कह दे उसकी यादों को मेरे दिल में आना बन्द कर दे।।
खुद के मरने से स्वर्ग मिलता है लैकिन,
कैसे समझाऊ, दिल को की उस पर मरना बन्द कर दे।
कोई कह दे उसे या तो मेरी हो जा, या मुझे अपना कर दे,
कम से कम एक फैसला तो मेरे हक में कर दे।।~ भवदीप