आस्था ही हमारे हृदय में श्रद्धा का संचार करती है। श्रद्धा के कारण ही अपने दुखों के निवारण के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं। अमित मिश्र ने माँ की वंदना में एक भजन प्रस्तुत किया है और आशा की है माँ के आशीर्वाद से सभी के विघ्न दूर हो।
आया हूँ दर पे मइया, तुझको मनाने
नारियल, चुनरी, फूल, तुझको चढ़ानेथाल सजी है तेरी मइया, अगर कपूर से
दर्शन को आया तेरे, कितनी मैं दूर सेआया हूँ देवी मइया, तेरी आरती उतारने
रूठी है मुझसे तू, आया तुझको मनानेबीच भंवर में मइया, डूबी है मेरी नइया
बन के खेवइया नइया, पार लगा दे मइयासुना है मइया सबके दुःख को सवाँरती
कर ले कबूल अब माँ तू मेरी भी आरतीआस लगाये मइया, मैं तुझको निहारूँ
हाथों को जोड़ कर, मैं तुझको पुकारूँचढ़ कर मैं आया मइया, ऊंचे पहाड़ पर
विनती करूँ मैं मइया, हाथों को जोड़करआया हूँ दर पे मइया, तुझको मनाने
नारियल, चुनरी, फूल, तुझको चढ़ाने~ अमित मिश्र
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