इस संसार में सभी के जीवन में अनेक समस्याएँ होती हैं फिर भी प्रयासरत रहते हुये हम उन सभी को झेल लेते हैं। चूंकि यह जीवन बहुत छोटा होता है हमारी कई आशाएँ और इच्छाएँ अधूरी रह जातीं हैं। हमने जो कुछ भी हासिल किया है उसपर घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि समय एक जैसा नहीं रहता। कलमकार निक्की शर्मा ने लिखा है इस जीवन में हमारी उड़ान बौनी ही रहती है।
पद, प्रतिष्ठा पाकर आसमान में उड़ते हैं
अपने नीचे वालों को फिर कुछ ना समझते हैं
चंद दिनों में ही पैसे पर अपना रंग बदलते हैं
पुराने भाई, बहनों, रिश्तेदारों को
दुश्मन वह फिर समझते हैं
संपत्ति, ऐश्वर्य पाकर वह अपने आप में अकड़ते हैं
सच है यह की धन-संपत्ति पल भर में बिखरते हैं
दुख, सुख में परिवार साथ निभाते हैं पर कौन समझाएं
इन्हें अकड़ में अपनी सब कुछ खो देते हैं
समय नहीं मिलता उन्हें अपनों के लिए
फिर संग सबका छूट जाता है धीरे-धीरे
अकेले ही वह इंसान रह जाता है सच है
यह.. दिन है तो, कभी रात भी आएगी
वक्त का तकाजा है जनाब हर पल
एक सा नहीं होता है, उड़ रहे थे जाकर
आसमान में ऊंचाई पर अकेले एक तेज
झोंका हवा का आया नीचे उड़ गए बिखर गए
फिर सूखे पत्तों की तरह, अकेले रह गयें
खुद को संभाल न पाए पैसे वाले हो कर
भी बौने ही रह जाते हैं हां कुछ लोग
सफलता के पायदान पर चढ़कर भी
नीचे गिर जाते हैं हां फिर से कुछ लोग
दिन है, रात है, सुबह है, तो रात भी होगी
खुशी है तो गम भी होगी इस संदेश को भी
क्यों नहीं समझ पाते हैं अक्सर लोग
पैसे वाले हो कर भी बौने ही रह जाते हैं
ऊंची उड़ान सोच कर बौनी उड़ान में रह जाते हैं
सब कुछ खोकर वह एक दिन अकेले पड़ जाते हैं~ निक्की शर्मा रश्मि
हिन्दी बोल इंडिया के फेसबुक पेज़ पर भी कलमकार की इस प्रस्तुति को पोस्ट किया गया है।
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