प्रकृति की हर एक रचना बच्चों को प्यारी होती है। जीव-जंतु, सूरज, तारे, चांद, पशु, पक्षी, फूल और पौधे सभी बच्चों को अति सुंदर लगते हैं। इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए बाल कवि मुकेश अमन ने यह कविता साझा की है।
सारी धरती, सारा अम्बर,
हम बच्चों को प्यारा है।
चांद, सितारे, सूरज सारे,
सारा विश्व हमारा है।।विश्व-शान्ति और प्रेम को,
जन-जन में प्रगाढ़ बनायें।
जिएं और जीने दे सबके,
और स्नेह को ओढ़ जायें।।हर जन के मन प्रेम पलें बस,
लक्ष्य ध्रुव सितारा है।
चांद, सितारे, सूरज सारे,
सारा विश्व हमारा है।।जग में फैली हिंसा का रथ,
छोड़े हम सब पशुता का पथ।
हिंसा नदी नाश की केवल,
कब तक खेवैगा पथ केवट।।सत्य, अहिंसा, भईचारा,
एक भली यही धारा है।
चांद, सितारे, सूरज सारे,
सारा विश्व हमारा है।।~ मुकेश बोहरा अमन
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