एक शाम जिंदगी के नाम

एक शाम जिंदगी के नाम

यह जिंदगी किसी कहानी से कम नहीं है, हर इंसान का जीवन कई चुनौतियों से भरा हुआ है। यदि हम चाहें तो अपने ही जीवन के संघर्ष को कहानी में बदल सकते हैं जो दुनिया को एक सीख अवश्य देगा। कलमकार राजीव डोगरा इसी बात को अपनी कविता में लिखते हैं क्योंकि संसार की उलझन में हम सभी इस तरह उलझ चुके हैं कि स्वयं के लिए वक्त ही नहीं शेष बचता। इसीलिए एक शाम जिंदगी के नाम…

एक शाम
अपनी जिंदगी के नाम लिखूंगा।
जो बीत चुका है कल
उसे भी प्रेम से,विश्वास से
मोहब्बत से लिखूंगा।
इम्तिहान तो बहुत दिए
अपने जीवन में
मगर फिर भी
प्रेम से समर्पण से
सबको मिलूंगा।
जीवन में अच्छे और बुरे
दोनों तरह के लोग मिले ,
मगर फिर भी
समदर्शी होकर मै
सब को गले मिलूंगा।
दर्द बेवफाई के जख्म
दिल पर लोग देते रहे
फिर भी मैं
हंसते हुए चेहरे के साथ
मुस्काता हुआ
सब को मिलूंगा।
भूल कर सब गमों को
भावों की एकता के साथ
एक शाम जिंदगी के नाम लिखूंगा।

~ राजीव डोगरा

Post Code: #SWARACHIT284

Leave a Reply


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.