हमारा घनश्याम

हमारा घनश्याम

नन्हे कलमकार नीरव पाण्डेय ने श्री कृष्ण की एक छोटी सी वंदना लिखी है जो आपको भी पसंद आएगी। इस कविता में एक खास बात यह है कि इसकी सभी पंक्तियों में केवल ‘आ’ की मात्रा का प्रयोग हुआ है और यह मदन मोहन की एक सुंदर स्तुति बन गयी। नन्हे हाथों से प्रभू की बाल लीला को दर्शाने का एक उत्तम प्रयास किया है।

सबका प्यारा मदन हमारा,
नटखट माधव झटपट चलता।
ग्वाल बाल साथ गाय चराता,
माखन-छाछ चट कर जाता।१।

ब्रज का श्याम, राम का नाम,
हरदम बनाए सबका काम।
वह नारायण, जसपाल, जनार्दन,
ग्वाला था वह नंदलाल।२।

रखता इस जग का ध्यान,
कान्हा था बचपन का नाम।
सबका राजा अपना श्याम,
रहता वह द्वारका धाम।३।

राधा मन बस उसका नाम,
भाई उसका हलधर बलराम।
हमारा पालक वह घनश्याम,
करता दानव का काम तमाम।४।

~ नीरव पाण्डेय

प्रस्तुतकर्ता: निशा पाण्डेय
हिन्दी बोल इंडिया के फेसबुक पेज़ पर भी कलमकार की इस प्रस्तुति को पोस्ट किया गया है।
https://www.facebook.com/hindibolindia/posts/452482575658920

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