नया पैगाम

नया पैगाम

मनोकामनाओं का संदेश डॉ. राजेश कुमार शर्मा “पुरोहित” जी इस कविता में दे रहे हैं। उनकी आशाएँ ईश्वर फलीभूत करे, यह कामना हम सभी करते हैं।

होंसलों से उड़ने का जज्बात दे।
तू जरा जमाने को नया पैगाम दे।।

मोहब्बत से रहे चमन में दोस्तो।
गुलों को खिलने का आयाम दें।।

सर्द रातों में दर्द से जो सिमटे हैं।
उन यतीमों को कुछ आराम दें।।

जो ईमान से जी रहे हैं जिन्दगी।
उन लोगों को कभी तो इनाम दें।।

वतन की आबरू जो बचाते हैं।
उन शूरवीरों को रोज सलाम दें।।

इल्म इतना दे दो नोजवानों को।
बेरोजगारों को “पुरोहित” काम दें।।

~ डॉ. राजेश कुमार शर्मा “पुरोहित”

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