दिवस आया एक नया

दिवस आया एक नया

हर दिन, हर घड़ी शुभ होती है और कोई भी पल अशुभ नहीं होता है। फाग का महीना है, सभी लोग उत्साहित हैं, आज फिर एक नया दिन आया है और कलमकार मुकेश वर्मा यह कविता प्रस्तुत की है।

दिवस आया एक नया
लेकर रंगों की सौगात
गाओ रे फाग मंगल गीत

दिवस आया एक नया
गौरी रचाए सुंदर श्रृंगार
बरसाये मंद-मंद प्रेम फुहार

दिवस आया एक नया
उढ़े रंग-गुलाल गली-गली
खिल उठीं सारीं कच्ची कली

दिवस आया एक नया
मिष्ठानों-पकवानों की महक
फिर चंचल मन की चहक

दिवस आया एक नया
हो न होली में अति हुडदंग
त्यौहार मनाओ प्रेमभाव के संग

दिवस आया एक नया
लेकर साथ खुशियाँ अपार
मिल बांट बढ़ाओ प्यार

~ मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

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