अनोखा देश है मेरा

अनोखा देश है मेरा

भारत देश में २२ मार्च २०२० को जनता कर्फ़्यू लगा हुआ था और सभी नागरिकों ने भरपूर सहयोग दिया। यह कोरोना वायरस से दूरी बनाए रखने के लिए उठाया गया एक कदम था। कलमकार स्नेहा कुमारी इससे गौरान्वित होकर यह पंक्तियाँ प्रस्तुत करतीं हैं।

धन्य भारत भूमि है,
नत् मस्तक प्रणाम है,
बचपन से जवानी तक
मैंने सिर्फ सुना था,
“भारत में अनेकता में एकता है।”
पर आज मैंने साकार रुप में किया अनुभव
प्रधानमंत्री के एक अपील ने,
पूरा देश समर्थन कर डाला।
जो देश दिन भर सन्नाटे में रहा,
पर पाँच बजते ही,
ताली, थाली, चम्मच और
शंखनाद की आवाज से गूंज उठा।
आज एक अलग भावनाऐं,
मेरे मन में उठी…

अनोखा देश है मेरा,
जहाँ सब आपस में लड़ते-झगड़ते,
एक दूसरों के बातों की करते आलोचनाएं,
पर आज सकंट के समय,
हमारा देश मुठ्ठी बनाकर
आज अपनी ताकत का करते इजहार,
सेना, डॉक्टर, नसिंग स्टाफ
और पल-पल की खबर देने
वाले पत्रकार के लिए…
आभार जताया लोगों ने,
आज मेरे मन में यह विश्वास हो उठा…

अगर भारतवासी एकजुट हो,तो
भारत से एक कोरोना क्या?
लाख कोरोना को भगा
सकते पल भर में।
नत् मस्तक प्रणाम है,
भारत और भारतवासी को।

~ स्नेहा कुमारी

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