कोरोना से लड़ने के लिए भारतवासी तैयार हो गयें हैं और सरकारों ने कड़े कदम भी उठाएँ हैं। कलमकार अनुभव मिश्रा लिखते हैं कि इससे लड़ने के लिए हम तैयार हैं।
खुशहाली से धरती पर जनजीवन चलता जा रहा था,
खबर न थी मानव को ख़तरा कोई इनपर आ रहा था.शुरू हुई चाइना से मातम जैसी यह बीमारी थी,
पूरे विश्व को खत्म करने की इसकी तैयारी थी.धीरे धीरे बढ़ते भारत तक भी यह आ पहुंची है,
डरा हुआ है देश मेरा पर हिम्मत अभी ना हारी है.भले हुई है परेशानी कठिनाई भी कई आ रही हैं,
पर हिन्दुस्तान की जनता धैर्य से इससे लड़ती जा रही है.मां भीड़ बहुत है, डर लगता है, सुनो कल तक घर आऊँ क्या,
ट्रेन में भीड़ बहुत है, मां मैं आज शहर में ही रुक जाऊँ क्या.उस शख्स से पूछो इसकी कीमत जो अब तक घर ना पहुँच सके हैं,
परिवार से दूर और ट्रेने भी बंद, देश के कर्फ्यू में बाहर फंसे हुए हैं.उस मां के दिल में भी इस कोरोना ने डर बैठाया है,
जिसने अपने बेटे को घर से दूर शहर से बुलाया है.हम एक जुट हैं इस कोरोना को जड़ से उखाड़ फेकेंगे,
अपने भारत को इतनी आसानी से ना झुकने देंगे.~ अनुभव मिश्रा