फिर से साथ निभाएं हम

फिर से साथ निभाएं हम

कलमकार विजय कनौजिया जी कहते हैं कि थोड़ी देर के लिए यादों में खो जाइए या फिर कुछ पुरानी बातें दोहराइए आपको सुकून जरूर मिलेगा। प्रेम के पल, उनका साथ, अनेक छोटी बड़ी यादें हमेशा साथ रहते हैं।

चलो चलें उस प्रेम गली में
शायद फिर दिख जाएं वो
यादें फिर ताज़ा हो जाएं
दिल को कुछ बहलाएं हम..।।

ना जानें अब कैसे होंगे
इतने सालों बाद वहाँ
देख मुझे पहचानें शायद
थोड़ा फिर शरमाएं हम..।।

दृश्य पुराने देख वही फिर
अंतर्मन में हलचल हो
थोड़ा सा वे भी मुस्काएँ
थोड़ा सा मुस्काएँ हम..।।

वही चहलकदमी हो फिर से
आहट से मन झूम उठे
बातें फिर पहले जैसी हों
अपना हाल सुनाएं हम..।।

हर दुःख की बदरी छंट जाए
फिर दिन वही सुहाने हों
चलो आज दोनों मिल जाएं
फिर से साथ निभाएं हम..।।
फिर से साथ निभाएं हम..।।

~ विजय कनौजिया

Leave a Reply


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.