अपनी जिम्मेदारी समझें

अपनी जिम्मेदारी समझें

अपनी जिम्मेदारी समझें, आपस में नहीं कोई उलझें।
कोरोना से लड़ना है तो, घर में रहें सभी जन अपने।

वक़्त है नाज़ुक सयंम रखें, राजनीति में अभी ना उलझें।
बड़े बड़े देशों को देखकर, कुछ तो उनसे भी हम सीखें।

अपनी जिम्मेदारी समझें, घर से बाहर अभी ना निकलें।
जान कीमती है अपनों की, इसीलिए थोड़ी दूरी बरतें।

सालों बाद हुआ ऐसा है, कुछ तो इस संयोग को समझें।
दुनियाँ की रफ्तार रुकी हैं, फिर से रिश्तों को सब समझें।

~ साक्षी सांकृत्यायन

This Post Has One Comment

  1. Mithun sinha

    Awesome poem

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