अच्छा हो या बुरा, हर वक्त कुछ कहना चाहता है। इसकी बातों को भांपकर और समझकर जीवन में अनुसरण करना चाहिए। हर पल हम कुछ नया ही सीखते हैं, आइए कलमकार डोमन निषाद ‘डेविल’ की यह रचना पढ़ते हैं।
हर वक्त,
जो कुछ न कुछ
सिखाना चाहता है,
कभी रूला कर
कभी हंसा कर,
जो सत्य है
उसे दिखाना चाहता है,
वक्त कुछ कहना चाहता है।गरीबी हो या अमीरी,
जो भी, सभी को
समझाना चाहता है,
कभी गिरा कर
कभी उठा कर,
जो सत्य हैं
उसे जताना चाहता है,
वक्त कुछ कहना चाहता है।धर्म हो या कर्म,
जैसे भी हो सभी को
कभी पढा़ कर,
कभी समझा कर
जो सत्य हैं,
उसे अवगत करना चाहता है।
वक्त कुछ कहना चाहता है।।~ डोमन निषाद ‘डेविल’