कोरोना देख हैरान हो गए
शहर शहर वीरान हो गए
जमा हो गए भागते हुए लोग
आशियां सभी परेशान हो गए
खामोश है परिंदे भी अब
शज़र सभी बे गान हो गए
फूलों की महक भी चली गई
भोरें सभी बेसुर तान हो गए
दिनकर अकेले ही रूआंसा हुआ
गर्माहट सभी बेईमान हो गए
चांदनी से चांद भी नाराज़ हुई
सितारे अब मकान हो गए
ख़ुद में महफूज़ रहने वाले
सभी दिलो के जान हो गए
आफत ऐसी बही है जगत में
वायरस जो शैतान हो गए
मुहब्बत खुद ही में सिमट गई
करीबियां भी जहान हो गए
~ इमरान सम्भलशाही