इतना न घबराओ तुम
घर को ही सब कुछ बनाओ तुम ॥
चला जायेगा कोरोना भी
इतना न डरो तुम ॥
बस समझदारी दिखाओ तुम
बात करती बार दूरी बनाओ तुम ॥
वैश्विक विपदा आन पड़ी
जिन्दगी हम सबकी परेशान खडी है ॥
थोड़ा सब्र बंधाओ तुम
खुद को थोड़ा समझाओ तुम ॥
बार -बार प्रक्षालक से हाथ तुम धोना
उसके बाद कोई वस्तु तुम छूना ॥
इतना न घबराओ तुम
धीरज़ तो बंधाओ तुम ॥
भूलना न भीड़ में मास्क को लगाना
मुंह ढककर ही कहीं तुम जाना ॥
थोड़ा हाथ घर के काम में बंटाना तुम
खुद को घर में रोकर समझाना तुम ॥
समझदारी का परिचय देकर कोरोना को हराना तुम
यूंही न घबराना तुम ॥
कुछ ही दिनों की बात
हम सभी इस विपदा की घड़ी में साथ में ॥
महसूस हो जायेगा पिंजरे का दर्द भी
इंसानियत का रूप दिखाना तुम ॥
कुछ और दिन घर पर बिताना तुम
उसके बाद भी ज्यादा भीड़ भाड़ में न जाना तुम ॥
कोरोना को हराना तुम …..~ खेम चन्द
घर को ही सब कुछ बनाओ तुम ॥
चला जायेगा कोरोना भी
इतना न डरो तुम ॥
बस समझदारी दिखाओ तुम
बात करती बार दूरी बनाओ तुम ॥
वैश्विक विपदा आन पड़ी
जिन्दगी हम सबकी परेशान खडी है ॥
थोड़ा सब्र बंधाओ तुम
खुद को थोड़ा समझाओ तुम ॥
बार -बार प्रक्षालक से हाथ तुम धोना
उसके बाद कोई वस्तु तुम छूना ॥
इतना न घबराओ तुम
धीरज़ तो बंधाओ तुम ॥
भूलना न भीड़ में मास्क को लगाना
मुंह ढककर ही कहीं तुम जाना ॥
थोड़ा हाथ घर के काम में बंटाना तुम
खुद को घर में रोकर समझाना तुम ॥
समझदारी का परिचय देकर कोरोना को हराना तुम
यूंही न घबराना तुम ॥
कुछ ही दिनों की बात
हम सभी इस विपदा की घड़ी में साथ में ॥
महसूस हो जायेगा पिंजरे का दर्द भी
इंसानियत का रूप दिखाना तुम ॥
कुछ और दिन घर पर बिताना तुम
उसके बाद भी ज्यादा भीड़ भाड़ में न जाना तुम ॥
कोरोना को हराना तुम …..~ खेम चन्द