जीवन में रौशनी, उजाला बड़ा मायने रखती है,
उजाला जीवंतता, सुख, समृद्धि का प्रतीक है
तो अंधेरा मरण, विनाश, अनिष्ट का प्रतीक है।
वेदों में कहा गया है ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’
अर्थात हे परमात्मा हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो।
आज, अभी ही क्यों यह सनातन से चला आ रहा है,
हम पूरब के वासी उदित होते सूर्य के अनुयायी हैं।
उजले और मलिन वस्त्रों को ही ले लीजिए,
उजले वस्त्र सौम्य, शुचिता के प्रतीक है तो मलिन रुग्ण,
अज्ञान और अशौच के प्रतीक है।
सत्य को प्रकाश और असत्य को अंधकार कहा गया है
तथा कहा गया है कि असतो मा सद्गमय
अर्थात असत्य से सत्य के मार्ग पर ले चलों।