आओ मिलकर हम दीप जलाएं,
अन्धियारा को कहीं दूर भगाएं।
खुद के अन्दर फिर राम जगाएं,
फिर से हम एकता का स्वरुप दिखाएं।
कोई जात नही, कोई धर्म नही,
बस भारत के लोग कहलायें हम।
इस विकट काल में एक होकर,
इस कोरोना को मार भगायें हम।
सब जाने कोरोना एक महामारी है,
घर में रहना हमारी लाचारी है।
क्यों कि और विकल्प ना है इसका,
अब देश बचाना हमारी जिम्मेदारी है।
हर गलियारा आज रौशन होगा,
संगठित सम्पूर्ण भुवन होगा।
दीप जला कर पावन आज,
हर मन होगा, जन-जन होगा।
~ राकेश कुमार साह