कोरोना: कलमकारों की अभिव्यक्तियां

कोरोना: कलमकारों की अभिव्यक्तियां

कोरोना • लॉकडाउन • बचाव

चलो लॉकडाउन को खास बनाते हैं

चलो फासलों का फायदा हम उठाते हैं,
इन दूरियों में इश्क आजमाते हैं।
तुम घर पर रहो अपने मैं भी रहूँ घर में,
चलो इक्कीस दिन बिना मिले बिताते हैं।
महसूस करो तुम भी अपनी चाहत की गहराई को,
चलो इन लम्हों को अब ऐसे खूबसूरत बनाते हैं।

~ क्षमा दूबे, सुल्तानपुर (३१ मार्च २०२०)


कोरोना जैसी जानलेवा महामारी के चलते देश में राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे लॉक डाउन की स्थिति में मेरा सभी से आग्रह है की कोई भी अपने आवास से बाहर न निकले अगर आपको लगता है कि कोई अति महत्वपूर्ण कार्य है तभी निकलने का प्रयास करे अन्यथा कोशिश करे कार्य को घर में रह कर ही सम्पन्न करने की जिससे कि आप किसी भी प्रकार के ख़तरे से मोल न ले व अपने घर में सुरक्षित रहें और घर मे अपने सम्पूर्ण परिवार को भी सुरक्षित रखें।

आप ऐसा कोई भी क़दम न उठाएं जिससे आपके परिवार जनों को नुक़सान हो। व कोरोना से सुरक्षित रहने के सभी नियमों का पालन करें उदाहरण स्वरूप-सर्वप्रथम तो किसी से हाथ न मिलाएं, किसी भी अज्ञात वस्तु को न छुए, समय- समय पर अपने हाथ साबुन से धोएं, खाँसते या छीकते वक़्त रुमाल का इस्तेमाल करे, हाथ से बार-बार नाक या मुँह को छुए न करें। धन्यवाद!

~ ऋतिक कुमार वर्मा (६ अप्रैल २०२०)


नजारा बदलने वाला है

कुछ दिनों में ये नज़ारा भी बदलने वाला है
ये देश, राज्य और शहर भी बदलने वाला है।
हम बदल देंगे रास्ता इस कोरोना का
किसी दिन वीराना भी बदलने वाला है।
हमने बना ली दूरी सामाजिकता की
वक़्त बदलते सब कुछ बदलने वाला हैं।
मान ली हार चीन, ईरान, इटली संग यूरोप ने
लेकिन हमारा मुकाबले का ढंग बदलने वाला है।
अफवाहों के उलटफेर में हमें नहीं पड़ना है
रात ढलते ढलते मंजर भी बदलने वाला है।

~ मुकेश बिस्सा, जैसलमेर (६ अप्रैल २०२०)


लाॅकडाउन में उम्मीदें

दिन बुरे कट जाएँगे ऐतबार करती हूँ
लाॅकडाउन में दूर से तेरा दीदार करती हूँ
अपनी ही नहीं तेरी साँसों की भी फ़िक्र है
फ़ासले से ही सही तुमसे प्यार करती हूँ
राह में अभी तो छाया घना अंधेरा
दूर तक नज़र न आए कोई कोई सवेरा
दुआएं सलामती की बारबार करती हूँ
उम्मीदों वाली सुबह का इंतजार करती हूँ

~ तारिका सिंह ‘तरु’, लखनऊ (६ अप्रैल २०२०)


वतन के लिए

कभी जुदाई लगती थी ज़हर
अब फ़ासले ज़रूरी है
जीने के लिए।
दर्द तो होता है दिल में मगर
हैं अब दूरियां लाज़मी
अपनों के लिए।
छूट न पाएगी कभी वो डगर
बढ़े हैं जिस पर क़दम
वतन के लिए।

~ आलोक कौशिक (६ अप्रैल २०२०)


सबसे पहले मैं हिंदी बोल india की समस्त टीम को नमस्कार करता हूँ, क्योंकि इतना बढ़िया अवसर मुझे प्राप्त हुआ है की कोरोना जैसी महामारी पर अपनी बातों को रख सकूँ।

बचपन में हैजा जैसी महामारी के बारे में सुना था, लेकिन अब इस समय कोरोना जैसी महामारी को देख भी लिया और समझ भी गया की महामारी क्या होती है?यह कोरोना कितनी खतरनाक है की बड़े-बड़े वैज्ञानिकों का भी प्रयास जल्द सफल नहीं हो रहा है आज यह वैश्विक स्तर पर आतंक फैला रहा है इसके कारण विश्व की अर्थव्यवस्था ठप हो गया है ऐसा लग रहा है की दुनिया ठहर सी गई है अतः इस कोरोना जैसी बीमारी से बचने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा lockdown का ही प्रयोग करनी चाहिए, जैसा की डॉक्टरों का कहना है, क्योंकि इतना तो निश्चित है की यह एक संक्रमण की बीमारी है और एक बार अगर किसी को हो गया तो उसके द्वारा यह बीमारी बाकी लोगों के पास भी चली जाएगी इसलिए, हमें जागरूक नागरिक बनकर अपने देश और विश्व को इस बीमारी से बचाना चाहिए और जितना हम औरों से दूरी बनाकर रहेंगे उतना ही हम स्वयं को सुरक्षित कर पाएंगे और इसके साथ ही हमें पूरी तरह से सफाई के साथ रहना होगा तो यह रहा कोरोना और इसके बचाव के बारे में अब मैं बात करूँगा lockdown के बारे में तो मेरा मानना है की lockdown का अर्थ होता है पूरी तरह से स्वयं को घरों में कैद करना,जिससे हम अपने आप को सुरक्षित कर सकें आज भारत सहित कुछ राष्ट्रों में यह lockdown की प्रक्रिया शुरू है lockdown में होता यह है की जब काफी आवश्यकता है तभी आप बाहर निकल सकते हैं और ऐसा इसलिए किया गया है जिससे लोग एक दूसरे से दूर रहे और यह बीमारी फैले ना और इसका असर हो भी रहा है यह कोरोना बीमारी का असर धीरे-धीरे कम हो रहा है अतः हमें एक जागरूक नागरिक बनकर जब कोरोना के विरुद्ध लड़ेंगे, अफवाहों पर घ्यान नहीं देंगे तब निश्चित ही यह बीमारी हारेगी और भारत सहित विश्व जीतेगा।

~ कुमार किशन कीर्ति (६ अप्रैल २०२०)


यूं तो संसार भर में महामारी सदियों से फैलती रही है और लाखो करोड़ों जीवन लीला समाप्त होती रही है।हम बचपन में सुने थे या किताबों में पढ़कर बड़े हुए थे लेकिन आज कोरोना वायरस की विश्व व्यापी प्रकोप को देखकर दंग रह गया।चीन से शुरू हुआ यह प्रकोप सिलसिलेवार पूरे विश्व जगत में फैल गया है। हमारा भारतवर्ष भी इससे अछूता नहीं रह गया है।हमारी सरकार इससे निपटने के लिए डॉक्टरों, नर्सों के सहयोग से पुरजोर कोशिश कर रही है कि यह महामारी हमारे देश से पूरी तरह समाप्त हो जाए और अथक कोशिश भी जारी है।कोरोना रावण की शक्ल में अन्यायी व पापी बन गया है। इसके खात्मे के लिए हमें श्री रामजी की आवश्यकता है। सभी चिकित्सक श्री राम का रोल अदा कर भी रहे है और शीघ्र ही जड़ से रावण ख़तम भी होगा।हमारे देश के महानायक बन के उभरे है, हमारे चिकित्सक,उन्हें शत शत सलाम करता हूं। आइए हम सभी इस बीमारी से निपटने के लिए लॉकडाउन का पालन करें और अपने घर में ही रहें। बाहर किसी विशेष कार्य के लिए ही निकलें अन्यथा नहीं और साफ सफाई और सोशल दूरियों का भी ख्याल रखें एवं गरीबों का ख्याल रखें। गरीबों को समय समय पर भोजन कराएं। आशा करता हूं कि शीघ्र ही हम कोरोना पर विजय प्राप्त कर लेंगे। इन्हीं आशा के साथ
जय हिन्द जय भारत

~ इमरान सम्भलशाही, जौनपुर (६ अप्रैल २०२०)

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