सारी लंका पुनः जलाकर, आओ शीघ्र अयोध्या राम
दंभी दशानन के आनन को, पुनः काट कर सियाराम
जिस अयोध्या का तू राजा, हैं हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
जातिवाद का भेद मिटाकर, तू सबको बना दे भाई भाई
हर जन के हृदय स्थल में, सुख शांति बरसाओ मेरे राम
दूख झेल रहा सिंध सारा, है तपोभूमि में राक्षस का अंबार
ऋषि मुनियों का हवन भंग कर, विध्न पहुंचा रहे बारंबार
शीघ्र तजो अयोध्या कांड, आओ अरण्य कांड को मेरे राम
शैतानी पशुवृत्ती टहल रहे, जो न होनी हो अब होना है
तरकश धनुष संग आना ही, मिटाने जो फैला कोरोना है
हर संभव प्रयास करो अब, सकल जग के दाता मेरे राम
कलयुगी खरदूषण पापी का, सिर को झट से काटो स्वामी
घमंड सरीखा रावण भूज को, शीघ्र पैगाम को भेजो स्वामी
सीता हरण घटना से पहले, बस जग को बचा लो मेरे राम
समस्त दुखों से हर प्राणी की, भूखी प्यासी प्राण जा रही
अब लॉकडाउन के चलते ही, हर प्राणी पाषाण खा रही
सबका पेट भरे भी कैसे, सबका पेट भराने आओ राम
सत्कार करेंगे दिया जलाकर, प्रकाश करेंगे चारो ओर
हर जन सेवक मिलकर अपने, स्वागत करेंगे उठकर भोर
इस अंधकार को दूर भगाने, शीघ्र ही आ जाओ मेरे राम
~ इमरान सम्भलशाही