सुनसान है गलियाँ विरान पड़े हैं सभी चौराहे
कोरोना नामक वायरस हर जगह फैलाये बैठा है बांहें।
न जाने किस राष्ट्र पर है इसकी नापाक निगाहें
सतर्क रहें सजग रहें पांवों को कुछ दिन घर पर ही टिकायें।
बेवजह-बेमतलब इधर उधर न जायें
लाॅकडाउन का समय परिवार के साथ ही बितायें।
बैठे -बैठे घर पर बच्चों को पकवान बनाना सिखायें
क्या सही क्या गलत बातें संस्कारों वाली उनको बतायें।
अन्न जल मिलकर बेजुबानों को भी खिलायें
इंसानियत जिन्दा है अभी अहसास सबको करायें।
असहाय,लाचार हो गयी है चंद पैसों में खरीदी खुशी की दवाएं
वक्त बलवान है किसी पर भी हुक्म पैसों से न चलाएँ।
महामारी कोरोना पसारे विश्व भर में अपने राज
कल नहीं ढूंढना है आज ही मिलकर इसका इलाज़।
न हो हिम्मत तू हमसे यूं नाराज
दृढ़ संकल्प लेना है वायरस कोरोना नहीं है लाइलाज।
है! नादान कलम का ये संदेश
सुख चैन से रहे हर राष्ट्र है प्रदेश।
जहाँ है वहीं रहें तभी सुरक्षित है कोरोना वायरस से हमारा समाज
दूसरों से क्युं आओ खुद से करें हम इस बात आगाज़।
~ खेम चन्द