गाँव की याद

गाँव की याद

छोड़ वे गांव की
गलियां शहर निकल गये
खौफ से भरे शहर
उन्हे निगल गये
विस्तार नही जीवन का
जो कहते थे कल
फिर याद आयी अम्मा कि रोटी,
कच्ची सड़के,
कच्चे घर,
बरगद कि छाव,
आम के पेड़
तरस रहे गांव आने को वे सब आज‍-कल।

~ प्रिंस 

Leave a Reply


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.