दिली बधाई और मुबारकबाद

दिली बधाई और मुबारकबाद

इमरान संभलशाही कहते हैं- “यह गीत लिखें है, हिन्दी बोल India का आभार व्यक्त करने के लिए व सहृदय पूर्वक प्रेम अर्पित करने के लिए। जब मै इस पेज से जुड़ा तो मुझे एक प्लेटफॉर्म ऐसा मिला, जहां अपनी रचनाओं को प्रेषित करने में समर्थ हुआ और आज हिंदी बोल India का एक पारिवारिक स्थाई कलमकार बन चुका हूं। हिंदी बोल इंडिया ने बहुत इज्ज़त बख़्शी है। सदैव ऋणी रहूंगा। जब मै इस पेज से जुड़ा तो 2000 फालोवर थे, देखते देखते आज 3000 फालोवर होने को है। इसीलिए मेरी रचना समर्पित है “हिंदी बोल इंडिया” को, जो अपना तीन हजारी सफर पूरा कर लिया है, इसलिए तीन हजारी यात्रा करने हेतु.. मेरी तरफ से दिली बधाई और मुबारकबाद”

करता हूं पेश आपको, प्रेम
व आभार “हिंदी बोल इंडिया”
जो नए कलमकारों को
देती है रचनात्मक सी दुनिया

दो हजार से,मै शुरू किया था
आज भई है फॉलोइंग, तीन हज़ार
धीरे धीरे रचना की दुनिया में
क़लम ला रही अद्भुत बहार

कारवां चलती रहे,और
लोग आकर देते रहें खुशियां
करता हूं पेश आपको, प्रेम
व आभार “हिंदी बोल इंडिया”

हर दिन,इक नए हर्फों में पल कर
बड़ी शिद्दत से, मुहब्बत देती ये
अपनी छाती की बाहें फैलाकर
खुशियां बांट के मुहब्बत लेती ये

अंधेरा मिटाकर इलम की
रोशन करती है हिन्दी बनके दिया
करता हूं पेश आपको, प्रेम
व आभार “हिंदी बोल इंडिया”

भेंट हो शुभकामनाएं व प्यार भी
हर पल बढ़ता रहे हिंदी का कारवां
ढल भी जाए सूरज अगर तो
थिरकता मुस्कुराएं ये बनके जवां

आसान नहीं इसे चलाना
नहीं है कोई गुड्डा गुड़िया
करता हूं पेश आपको, प्रेम
व आभार “हिंदी बोल इंडिया”

~इमरान सम्भलशाही

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