कोरोना के योद्धाओं को,
मैं प्रणाम करता हूँ।
लड़ रहा विश्व,
आज जिस त्रासदी से ,
आगे आएं,
इन मनुज अवतारों की,
भूमिका को सलाम करता हूँ।
कोरोना के योद्धाओं को,
मैं प्रणाम करता हूँ।
उन डॉक्टरों,
पुलिस अधिकारियों,
सफाई कर्मचारियों और
खाना पहुंचाने वाले,
अनगिनत सेवकों का,
स्मरण मैं काम करता हूँ।
कोरोना के योद्धाओं को,
मैं प्रणाम करता हूँ।
डर रहा विश्व आज,
जिस वायरस से,
घरों में बैठे तमाम,
बच्चों-बूढ़ों की,
आशाओं का आह्वान करता हूँ।
कोरोना के योद्धाओं को,
मैं प्रणाम करता हूँ।
जीत जायेंगे,
हम इस लड़ाई में,
विश्व विजयी अपने,
योद्धाओं का सम्मान करता हूँ।
कोरोना के योद्धाओं को,
मैं प्रणाम करता हूँ।
~ प्रीति शर्मा “असीम”