कलमकार उमा पाटनी कोरोना को हराने की बात अपनी पंक्तियों में लिखती है। उनका कहना है कि हमें ऐसा कुछ करना चाहिए जिससे हमारी जीत हो और यह कदम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाए।
जी हाँ सो जाने दो उसे हमेशा के लिए
गहरी नींद कि उठ न पाये फिर कभी वो
कोई आहट नहीं, सुरबुराहट नहीं
सन्नाटे की घनी परत बिछा दो
खामोशियों का ढोल बजा दो
किसी को वो छू न पाये
शान्त सड़कों पर शिकार तलाशता
थक कर इस कदर चूर हो जाये
कि आंख लगे तो दुबारा उठ न पाये
दोस्तों जीत का बिगुल बजाना है
कोरोना को हराना है
कोई न रहे चपेट में इसकी
हम भारतवासियों ने बहुत सी जंग जीती है ंं
और आपसी तालमेल संग
बिना एक-दूसरे से गले मिल
दिलों से दिल को मिलाना है
दुआ करनी है अपने लिए, सबके लिए
बस कुछ भी हो
हर हाल वादा निभाना है
हमको इस लड़ाई में एकमत हो
फिर से एक नया इतिहास रचाना है|
~ उमा पाटनी (अवनि)