पृथ्वी दिवस के अवसर पर कलमकार राजीव डोगरा ‘विमल’ जी ने अपने विद्यालय की होनहार छात्राओं द्वारा लिखी गई कुछ कवितायें इस पृष्ठ पर प्रस्तुत की हैं। आइए हम आकृति, संजना और सुहानी की कविताएं पढ़ें।
१) पृथ्वी दिवस
पृथ्वी है हमारी माँ,
इसमें समाया है सारा जहाँ
यही तो है प्रकृति की माया
इसमें तो सारा जहाँ समाया।
पृथ्वी दिवस मनायें हम
पृथ्वी को सजायें हम,
पेड़ पौधे लगायें हम
देश को आगे बढ़ायें हम
सूर्य की है परिक्रमा करती।
दिन रात कभी न थकती
सहनशील है पृथ्वी हमारी
हम सब हैं इसके आभारी।
पृथ्वी हमेशा हँसती रहती,
इसमें सारी दुनिया बस्ती।
~ आकृति
कक्षा- आठवीं, राजकीय उच्च विद्यालय, ठाकुरद्वारा, हिमाचल प्रदेश
२) पृथ्वी हमारी हरी-भरी
पृथ्वी हमारी हरी-भरी
इसमें रहते हम सभी
आओ इसकी शान बढ़ाएं
२२ अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाए
पृथ्वी पर है खेत खलियान
जो इस की शोभा बढ़ाएं
आओ सब हम पृथ्वी दिवस मनाए
इतनी सुंदर इतनी प्यारी
देखो यह है पृथ्वी प्यारी हमारी
पृथ्वी पर कल कल करती नदियां
उड़ते हैं पंछी चहचहाते हुए।
बार-बार खुश होकर कहते
पृथ्वी हमारी बड़ी प्यारी
इसकी शोभा सबसे न्यारी।
~ सुहानी
कक्षा- आठवीं, राजकीय उच्च विद्यालय, ठाकुरद्वारा, हिमाचल प्रदेश
३) पृथ्वी है हमारी शान
पृथ्वी है हमारी शान,
इस में बसती है हमारी जान।
पृथ्वी पर है जीवन संभव,
इसके बिना है जीना असंभव।
पृथ्वी हमारी है गोल,
यही है हमारे जीवन का मोल।
हम सब की यही पुकार,
पेड़ लगाकर करें पृथ्वी का उद्धार।
आओ मिलकर पेड़ लगाए,
पृथ्वी की हरियाली को बढ़ाएं।
पृथ्वी पर है घर बसाया,
हर त्यौहार खुशी से मनाया।
पृथ्वी को खुशहाल बनाना है,
मिलकर पृथ्वी दिवस मनाना है।
~ संजना
कक्षा- दसवीं, राजकीय उच्च विद्यालय, ठाकुरद्वारा, हिमाचल प्रदेश
प्रस्तुतकर्ता-
राजीव डोगरा ‘विमल’ (युवा कवि लेखक)
भाषा अध्यापक, गवर्नमेंट हाई स्कूल ठाकुरद्वारा
कांगड़ा हिमाचल प्रदेश