किताबें

किताबें

किताबें, वो सच है जो
हमें केवल, शिक्षित नहीं करती
जीवन जीने का, सलीका बताती है
किताबों का हर एक, पन्ना
जीवन का सार, देती है।

किताबें! हर उस सच से
हमें वाकिफ़, करवाती है
जिसके विषय में, जानने की
हममें, ललक है
किताबें ही, वो ज़रिया है
जो, हमें जीवन के
इतिहास, भूगोल, गणित, विज्ञान,
मनोविज्ञान आदि-आदि का बोध करवाती है।

हमारे अतीत, वर्तमान और भविष्य से
रूबरू करवाती है
साहित्य द्वारा ही, मनुष्य स्वंय को
मनुष्य रूप में, पाता है
एक ही किताब, हर एक को
नया अर्थ, देती है
हर बार, एक नये अर्थ लिए
एक नयी सच्चाई, लिए
हमारे समक्ष, प्रस्तुत होती है
इस जैसा ना दोस्त, कोई
इस जग में,
आलोक भरा है, इसके पग-पग में।

किताबें, हमारी कल्पनाशक्ति को
चाक्षुष, मूर्त करती है
जिसे, पढ़ने के दौरान हम
देख पाते हैं, अनुभव करतें हैं
जीते हैं, सारा का सारा विषय
मूर्त हो, उठता है
किताबों में, वो सारी शक्ति है
जो हमारे समक्ष, रहस्यमयी चीजों को
बडी़ सहजता से, पेश करती है।

हमें कभी, रूहानी दुनिया
तो कभी, यथार्थ से परिचित करवाकर
व्यवहारिक दुनिया की
वास्तविकता का, ज्ञान करवाती है
किताबों का, एक नहीं गुण
जिसका, कर सकूँ बखान
इस जग में, ना कोई इस सा महान
किताबें! हमारे लिए है
ईश्वर का, वरदान
केवल, ईश्वर का वरदान।

~ पूजा कुमारी साव

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