हे प्रकृति शक्ति-सौम्य रूपा, तुझको मेरा नमन, मेरा नमन!
शमन अपनी शक्ति रौद्र रूपा, तुझको मेरा नमन, मेरा नमन!
त्राहि त्राहि मचा हुआ है जगत में,विनाश हो रहा है जगत का
शमन अपनी शक्ति रौद्र रूपा, तुझको मेरा नमन, मेरा नमन!
गलती हुई तेरे इस नादान बालक से, अब क्षमा कर दे माँ!
कष्ठ निवारण करो, हम संतति है तेरी माँ!
हे प्रकृति शक्ति-सौम्य रूपा, तुझको मेरा नमन, मेरा नमन!
शमन अपनी शक्ति रौद्र रूपा, तुझको मेरा नमन, मेरा नमन!
हम सब बालक विनय कर रहे है तेरी,
करके दया माँ हर ले बाधा जगत की सारी!
हे प्रकृति शक्ति-सौम्य रूपा, तुझको मेरा नमन, मेरा नमन!
शमन अपनी शक्ति रौद्र रूपा, तुझको मेरा नमन, मेरा नमन!!
~ संतोष राम भारद्वाज