मैं नारी हूँ

मैं नारी हूँ

कलमकार सुनील कुमार जी महिलाओं के सम्मान में कुछ पंक्तियाँ लिखी हैं, आप भी पढिए।
न मैं अबला न बेचारी हूं
मैं शक्ति स्वरूपा नारी हूं
मां-बहन- बेटी-बहू
रूप अनेक धारी हूं
मैं शक्ति स्वरूपा नारी हूं।
बाबुल की मैं राजकुमारी
प्रीतम को अति प्यारी हूं
मैं शक्ति स्वरूपा नारी हूं।
खुशियों पर अपनों के
सब कुछ अपना वारी हूं
मैं शक्ति स्वरूपा नारी हूं।
विपदाओं से लड़ी हमेशा
कभी न हिम्मत हारी हूं
आज नहीं आदि काल से
दुष्टों को संहारी हूं
मैं शक्ति स्वरूपा नारी हूं।
~ सुनील कुमार

Leave a Reply


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.