इस जमाने में हर चीज़ का सौदा होता है। यहाँ तो स्वार्थवश प्यार भी बिकने लगा है। प्यार तो तो एक भावना है जिसे लोग चीज़ समझ सौदा करने की गलती करते हैं। कलमकार मोनिका शर्मा “मन” की इन पंक्तियों में इसकी चर्चा हुई है।
बिकता है प्यार
सस्ती दुकानों पर
खरीदने को हर कोई
जाता बाजार है ।।यह जिस्म की भूख है प्यारे
आत्मा से किसे सरोकार हैं ।।बिकता है जिस्म यहांँ
बिकती है रूह यहांँ
खरीदने को हर कोई तैयार है
सच्चा प्यार अब नहीं बचा
जिसे देखो वह वासना का शिकार है ।।बिकता है प्यार
सस्ती दुकानों पर
खरीदने को
हर कोई तैयार है।।~ मोनिका शर्मा “मन”