इस संसार मेन हर चीज हमें कुछ न कुछ सीखा सकती है बशर्ते हम सीखना चाहें। कलमकार संजय वर्मा फूलों की बातें बता रहें हैं की किस तरह फूल अपना जीवन जीते हैं और एक सार्थक संदेश देते हैं।
फूलों का ये कहना
दिल की बातें दिल में ही रखना
छीन ले जाता कोई खुशबू
बस इस बात का तो रोनाफूल बिन सेहरे-गजरे
उदास हुए
याद नहीं क्यों
सांसे उतनी ही बची फूलों की
न जाने तितली-भोरें
फूलों के क्यों खास हुएउडा न पवन
खुशबुओं को इस तरह
मोहब्बतें भी रूठ जाएगी
बेमौसम के पतझड़ की तरह
कुछ याद रहेगी खुशबुओं की
जब तक रहेगी
धड़कन से सांसों की तरह~ संजय वर्मा ‘दॄष्टि”